नया साल हमारी उपलब्धियों का नया साल माना जा रहा है। ये उपलब्धियां अनायास नहीं हैं। इसरो ने वर्ष 2024 के अंतिम मिशन के रूप में स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) कर अंतरिक्ष क्षेत्र में दुनिया के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय जोड़ दिया है। यह हमारी वैज्ञानिक क्षमताओं और तकनीकी कौशल का एक और प्रमाण […]
नया साल हमारी उपलब्धियों का नया साल माना जा रहा है। ये उपलब्धियां अनायास नहीं हैं। इसरो ने वर्ष 2024 के अंतिम मिशन के रूप में स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) कर अंतरिक्ष क्षेत्र में दुनिया के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय जोड़ दिया है। यह हमारी वैज्ञानिक क्षमताओं और तकनीकी कौशल का एक और प्रमाण है। डॉकिंग विशेषज्ञता प्राप्त करने से इसरो को चंद्रयान-4 और गगनयान जैसे भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए अनुभव मिलेगा। इन मिशनों में चंद्रमा के नमूने पृथ्वी पर लाए जाएंगे और भविष्य में मनुष्य को चंद्रमा पर भेजा जाएगा। भारत इस मिशन के पूरा होने से अमरीका, रूस और चीन के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। भारत की सैटेलाइट तकनीक में ही क्षमता नहीं बढ़ी है, बल्कि वह जलवायु निगरानी और रक्षा क्षेत्र में वैश्विक शक्ति के रूप में आगे बढ़ा है। तकनीक के क्षेत्र में बढ़ते कदम विश्व पटल पर भारतीय वर्चस्व का प्रमाण हैं। इस सफलता से घरेलू स्तर पर भी अनुसंधान की प्रेरणा मिलेगी।
स्टार्टअप्स को मजबूती मिलेगी। खास बात है कि भारत दुनिया में आर्थिक शक्ति के रूप में छलांग लगाना चाहता है, उस दिशा में आगे बढऩे के लिए यह सफलता महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती है। इधर, भारतीय युवा भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार भी युवाओं को स्किल से लैस करने पर जोश-शोर से काम कर रही है। कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लाखों युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वह आर्थिक तरक्की कर सकें। इस साल को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), रोबोटिक्स और चिकित्सा के क्षेत्र में भी दूरगामी असर डालने वाला वर्ष बताया जा रहा है। इन क्षेत्रों में भी भारत तेजी से तरक्की कर रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था भी दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रही है, लिहाजा भारत पर इस साल भी दुनिया की निगाहें बनी रहेंगी। इन सबके बावजूद यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि सफलताओं के साथ चुनौतियां भी बढ़ती है। एआइ का प्रयोग बढऩे के साथ ही डीपफेक जैसी समस्याएं सामने आने लगी है।
वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना है। आर्थिक तरक्की के साथ ही बेरोजगारी के आंकड़े परेशान करने वाले हैं। लोगों की बीच आर्थिक असमानता की खाई बढ़ रही है। इन पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इससे कई तरह की समस्याएं सामने आएंगी। उम्मीद है कि नए साल में घरेलू चुनौतियों का हल निकालते हुए भारत बड़ी उपलब्धियां हासिल कर वैश्विक स्तर पर बड़ी जिम्मेदारियां निभाएगा।