रायपुर

Coal Mines: विश्व के Top-5 कोयला खदानों में 2 खदान छत्तीसगढ़ में… बिना ब्लास्टिंग के 100 मिलियन टन से अधिक होता है खनन

Chhattisgarh Coal Mines: कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल के इन दो मेगा प्रोजेक्ट्स द्वारा वर्ष 23-24 में 100 मिलियन टन से अधिक का कोयला उत्पादन किया गया जो भारत के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 10% है।

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Jul 19, 2024

CG Coal Mines: विश्व की 5 सबसे बड़ी कोयला खदानों में छत्तीसगढ़ की दो खदानों को स्थान मिला है। एसईसीएल की गेवरा और कुसमुंडा खदानों को, वर्ल्ड एटलस डॉटकॉम द्वारा जारी दुनिया की टॉप 10 कोयला खदानों की सूची मेक्रमश: दूसरा और चौथा स्थान मिला है। कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल के इन दो मेगा प्रोजेक्ट्स द्वारा वर्ष 23-24 में 100 मिलियन टन से अधिक का कोयला उत्पादन किया गया जो भारत के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 10% है।

900 मिलियन टन कोयला भंडार : एसईसीएल की गेवरा माइन की वार्षिक क्षमता 70 मिलियन टन की है। वित्तीय वर्ष 23-24 में खदान ने 59 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है। 1981 में शुरू हुई इस खदान में 900 मिलियन टन से अधिक का कोयला भंडार मौजूद है। इन खदानों में कोयला खनन के लिए विश्व-स्तरीय अत्याधुनिक मशीनों जैसे "सरफेस माइनर" का प्रयोग किया जाता है। यह मशीन ईको-फ्रेंडली तरीके से बिना ब्लास्टिंग के कोयला खनन कर उसे काटने में सक्षम है।

यहां जनवरी 2024 से जून 2024 तक छत्तीसगढ़ में गेवरा और कुसमुंडा खदानों में कोयला उत्पादन को दर्शाने वाला डेटा चार्ट है। यह चार्ट दोनों खदानों के लिए मिलियन टन में मासिक उत्पादन दिखाता है, जो इस अवधि के दौरान उत्पादन के रुझान पर प्रकाश डालता है।

50 मिलियन टन कोयला उत्पादन

कुसमुंडा खदान द्वारा भी वित्तीय वर्ष 23-24 में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन हासिल किया गया है और गेवरा की बाद ऐसा करने वाली यह देश की केवल दूसरी खदान है। एसईसीएल सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने इस उपलब्धि को छत्तीसगढ़ की माटी के लिए गौरवशाली क्षण बताया है।

Updated on:
19 Jul 2024 01:05 pm
Published on:
19 Jul 2024 12:50 pm
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