रायसेन

121 करोड़ में बने एमपी के ये 3 फ्लाईओवर हुए शुरू, चौथे का निर्माण भी लगभग पूरा

flyovers built: रायसेन जिले में मडिया डेम के डूब क्षेत्र में बनने वाले चार में से तीन फ्लाईओवर चालू हो चुके हैं। चौथा भी जून तक पूरा होगा। गांवों को खाली कराने की तैयारी, लेकिन मुआवजे की मांग अब भी जारी।

2 min read
May 30, 2025
मडिया डेम के डूब क्षेत्र में बनने वाले चार में से तीन फ्लाईओवर चालू (सोर्स: पत्रिका फाइल फोटो)

flyovers built: रायसेन के बेगमगंज को सागर जिले के राहतगढ़ (Begumganj-Rahatgarh flyover) से जोड़ने वाला स्टेट हाइवे, मडिया डेम के डूब क्षेत्र में आता है, लेकिन इस मार्ग पर आवागमन बनाए रखने के लिए डूब क्षेत्र में चार फ्लाईओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इनमें से तीन बनकर पूरी तरह चालू हो चुके हैं, जबकि चौथे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, जो बारिश के पहले पूरा कर लिया जाएगा।

इस बार पहली बार डेम को 80 फीसदी तक भरने की तैयारी की जा रही है। जिससे उसका पूरा भव्य स्वरूप नजर आएगा। हालांकि डूब क्षेत्र में आने वाले कुछ अन्य मार्गों पर पुल, पुलियों का कार्य अभी अधूरा है, इसलिए फिलहाल जल भराव सीमित रखा जाएगा।

चौथे फ्लाईओवर का काम 95% पूरा

निर्माण कंपनी माधव इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद कुमार वर्मा, ने बताया कि भोपाल-सागर राहतगढ़ मार्ग पर 9.5 किमी क्षेत्र डूब में आ रहा है, जहां 2670 मीटर लंबाई में चार लाईओवर और सड़क निर्माण कार्य बौना बांध परियोजना के तहत कराया जा रहा है। 121 करोड़ रुपए की लागत से हो रहे इस कार्य का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। तीन लाइओवर पूरी तरह बनकर चालू हो चुके हैं, जबकि चौथे का कार्य अंतिम चरण में है। ठेकेदार द्वारा इसे 15 जून से पहले चालू करने की तैयारी की जा रही है।

सुमेर-सगोनी के बीच 240 मीटर लंबा ब्रिज बनाया गया है, इसी तरह सगोनी गांव के पास 300 मीटर लंबा बिज बनाया गया है, मानकी खिरिया तिराहा के पास 1260 मीटर लंबा ब्रिज बनकर पूर्ण हो गया है। इन तीनों लाइओवर पर आवागमन चालू हो गया है। जबकि परासरी कला पर 870 मीटर ब्रिज का 95 प्रतिशत कार्य हो चुका है। जो जून के प्रथम सप्ताह में पूर्ण हो जाएगा।

ये गांव कराए जाएंगे खाली, ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग

बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले कुछ गांवों को अब खाली कराया जाएगा। इनमें ककरुआ, चांदामऊ और बेलई प्रमुख हैं। पिछले वर्ष डेम में केवल 30 प्रतिशत ही जल भराव हुआ था, फिर भी ये गांव चारों ओर से पानी से घिर गए थे और लोग कई दिन गांवों में फंसे रहे थे। इस बार जब 30 प्रतिशत तक डेम भरने की तैयारी है, ऐसे में इन गांवों को समय रहते पूरी तरह सुरक्षित कराया जाएगा।

ग्रामीणों का कहना है कि उनकी कृषि भूमि को तो डूब क्षेत्र में माना गया है, लेकिन आवासों को नहीं। जिससे उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। ग्राम सगोनी के उत्तम सिंह, ग्राम सुमेर के संतोष प्रजापति, मनोज साहू, कोकलपुर के मनमोहन कुशवाहा और बलदार मंसूरी जैसे दर्जनों किसानों ने बताया कि उनके मकान भी डूब रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया है।

Updated on:
30 May 2025 03:24 pm
Published on:
30 May 2025 01:58 pm
Also Read
View All

अगली खबर