सामान्यत: पंजाब, राजस्थान, हरियाणा में ऐसे कई गांव हैं जहां के हर दूसरे घर से कोई ना कोई फौजी मिलिट्री फोर्स में अपनी सेवा दे रहा होता है। रतलाम जिले में भी एक ऐसा गांव है जहां की मिट्टी देश सेवा का जज्बा लिए युवा तैयार करती है।
रतलाम। सामान्यत: पंजाब, राजस्थान, हरियाणा में ऐसे कई गांव हैं जहां के हर दूसरे घर से कोई ना कोई फौजी मिलिट्री फोर्स में अपनी सेवा दे रहा होता है। रतलाम जिले में भी एक ऐसा गांव है जहां की मिट्टी देश सेवा का जज्बा लिए युवा तैयार करती है। यहां के युवा भारतीय सेवा या पैरा मिलिट्री फोर्स में अपनी सेवा दे रहे हैं। इस गांव के कन्हैयालाल जाट देश सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर शहीद भी हो चुके है। गांव के करीब 30 से अधिक युवा भारतीय सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस में अपनी सेवा दे रहे हैं। यही नहीं नई पीढ़ी भी राष्ट्र सेवा के इसी पथ पर जाने की तैयारी में जुटी है।
जिले का गुणावद गांव कबड्डी के खेल के लिए तो पहचाना जाता ही है, साथ ही पिछले कुछ वर्ष में इस गांव से भारतीय सेना, सशस्त्र सेनाओं और पुलिस फोर्स में 30 से अधिक जवान चयनित होकर अपनी सेवाएं देश को दे रहे हैं। इसलिए अब इस गांव की पहचान देश सेवा करने वाले इन वीर जवानों की वजह से भी हो रही है। यहां से भारतीय सेना में सुभाष जाट, धर्मेंद्र जाट, पवन जाट, बहादुर सिंह, अमृतलाल सेन, नीलेश शर्मा, राहुल जाट, जोरावर सिंह, विजय सिंह और भोलाराम शर्मा, कार्यरत हैं।
इनके सिर चढ़कर बोलता है देश प्रेम
बीएसएफ में संजय जाट और सीआरपीएफ में पप्पू सिंह एवं गोकुल सिंह अपनी सेवाएं राष्ट्र को दे चुके हैं। एसएएफ और पुलिस फोर्स में भी गुणावद गांव के भंवर सिंह, दिनेश जाट, जितेंद्र गोस्वामी और जितेंद्रपाल सिंह सेवाएं देकर गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। अलग-अलग फोर्स में सेवा दे रहे इन जवानों से गांव के बच्चे भी प्रेरणा लेकर देश सेवा में जाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। यहां से हर वर्ष 4 से 5 युवाओं का चयन भारतीय सेना सहित अन्य सशस्त्र बलों के लिए हो रहा है। अग्नि वीर योजना के अंतर्गत भी गांव के युवाओं का चयन इस वर्ष हो चुका है।