शिकायत के बाद भी मंडी प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यान, आए दिन सामने आते हैं ऐसे मामले
बीना. कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की मनमानी से किसान परेशान हैं। डाक के दौरान अनुबंध पर्ची बनने के बाद भी उपज लेने से मना किया जा रहा है, जिससे किसानों को घाटा होता है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें 7 नवंबर को ग्राम नेहरोन के किसान गोविंद सिंह मटर बेचने के लिए मंडी आए थे। डाक नीलामी में मटर की बोली 3140 रुपए क्विंटल में दया ट्रेडिंग ने लगाई थी और अनुबंध पर्ची काटी गई थी। व्यापारी ने मटर को घुन लगी बताकर बोली लगाई थी। इसके बाद जब किसान व्यापारी की दुकान पर तौल कराने पहुंचा, तो कई तरह के आरोप लगाते हुए खरीदने से इंकार कर दिया। इसके बाद किसान को दूसरे व्यापारी के लिए 3000 रुपए क्विंटल में मटर बेचनी पड़ी, जिससे घाटा उठाना पड़ा। व्यापारी पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर किसान ने इसकी शिकायत मंडी सचिव से की है।
खुली ट्रॉली में होती है उपज की डाक
कृषि उपज मंडी में ट्रैक्टर-ट्रॉली से आने वाला अनाज ट्रॉली में खुला भरा जाता है, जिससे व्यापारी अच्छे से देखने के बाद बोली लगाते हैं। इसके बाद भी कई बार गुणवत्ता खराब होने की बात कहकर नीलामी रद्द कर दी जाती है। छोटे किसानों की उपज बोरियों में रहती है, लेकिन इसमें में व्यापारी अनाज की गुणवत्ता जांचने के बाद ही बोली लगाते हैं।
व्यापारी को दिया है नोटिस
शिकायत मिलने पर व्यापारी को नोटिस जारी किया गया है और तीन दिन में जवाब मांगा है।
कमलेश सोनकर, सचिव, कृषि उपज मंडी, बीना