उड़ती धूल और छोटे-छोटे कंकड़ दे रहे दुर्घटना को बुलावा
सिवनी. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचआई) द्वारा शहर के भीतर से गुजरे पुराने नेशनल हाइवे सडक़(नगझर से सीलादेही तक लगभग 14 किमी) को फोरलेन बनाने के काम में लापरवाही बरती जा रही है। आलम यह है कि लगभग एक किमी का भी सफर करने पर लोगों को 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है। नगझर से लगभग पांच किमी सडक़ खोद दी गई है। इस पर मिट्टी, गिट्टी से समतलीकरण तो कर दिया गया है, लेकिन आगे के कार्य धीमी गति से हो रहे हैं। सडक़ पर पानी भी समय-समय पर नहीं डाला जा रहा है। ऐसे में उड़ते धूल के गुबार लोगों को मुश्किल में डाल रहे हैं। बड़ी बात यह है कि सडक़ पर छोटे-छोटे कंकड़ से आए दिन बाइक सवार फिसल रहे हैं। कई बार लोग चोटिल भी हो चुके हैं। ऐसे में जल्द ही सडक़ का निर्माण नहीं हुआ तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। दरअसल शहर के भीतर से गुजरे पुराने नेशनल हाइवे सडकक़ो फोरलेन बनाने के लिए 126 करोड़ की मंजूरी दी गई थी। केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय ने राशि स्वीकृति के बाद एमपीआरडीसी को सडक़ बनवाने का जिम्मा सौंपा गया। हालांकि राशि कम कर दी गई और 109 करोड़ के टेंडर को स्वीकृति मिली। मार्च 2024 से काम की शुरुआत हुई है, लेकिन कार्य धीमी गति से चलने से लोग परेशान हो रहे हैं।
पेड़ों की कटाई, डामर सडक़ भी उखाड़े
शहर की मुख्य सडक़ को फोरलेन में तब्दील करने के लिए 109 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई। मार्च 2024 में कार्य शुरु हुआ। फोरलेन के कार्यों में बांधा बन रही पेड़ों की कटाई, मिट्टी की खुदाई के साथ ही डामर सडक़ को खोदने का भी काम शुरु हुआ। नगझर से लेकर आरटीओ के सामने, लूघरवाड़ा से ज्यारत नाका सहित अन्य जगह सडक़ के दोनों ओर खुदाई और पेड़ों की छंटाई का काम किया गया है। इसी तरह से नागपुर रोड पर शहर के खैरीटेक, सीलादेही तक काम किया जा रहा है।
यह आ रही समस्या
नगझर से सीलादेही तक लगभग 14 किमी के दायरे में सडक़ के दोनों तरफ 600 से अधिक मकान, 1000 से अधिक दुकानें हैं। इसके अलावा इस सडक़ से छोटी-बड़ी लगभग 5000 वाहन प्रतिदिन आवागमन कर रहे हैं। सडक़ पर धूल उडऩे से लोगों को अब सांस लेने में भी परेशानी होने लगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आठ माह का समय हो चुका है। कम से कम कुछ दूर तो सडक़ बन जानी थी। उड़ते धूल की वजह से काफी समस्या हो रही है। इसके अलावा सडक़ पर गिट्टी फैले हुए हैं। इससे वाहन भी फिसल रहे हैं।
250 से अधिक पेड़ों की कटाई
शहर के बीच से होकर बनने वाली 14 किमी लंबी फोरलेन सडक़ व रेल ओवरब्रिज के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई हो चुकी है। अभी भी कटाई जारी है। शहर के अंदर करीब 250 से ज्यादा पेड़ों को काटा जाना है। इसके लिए काटे जाने वाले पेड़ों पर मार्किंग कर उन पर नंबर भी डाले गए थे।
सात-सात मीटर चौड़ी होगी सडक़
बताया जाता है कि सीलादेही से नगझर तक फोरलेन सडक़ डिवाइडर से दोनों तरफ सात-सात मीटर चौड़ी बनाई जाएगी। ज्यारत नाका से कृषि विज्ञान केंद्र तक लगभग पांच किमी लंबी डामर रोड को सीसी सडक़ बनाया जाएगा। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र से सीलादेही व ज्यारत नाका से नगझर तक की टू-लेन सडक़ को फाोरलेन में बदलकर डामरीकृत किया जाएगा। साथ ही रेलवे स्टेशन से लगे नागपुर रोड रेल फाटक पर लगभग छह सौ मीटर लंबा ओवरब्रिज भी बनाया जा रहा है।
मिट्टी के ढेर से हुई थी परेशानी
अप्रेल माह में शहर के दोनों तरफ सडक़ को फोरलेन बनाने के चल रहे काम के दौरान खोदी गई मिट्टी सडक़ पर ही जगह-जगह ढेर लगाकर रख दी गई थी। जिसके कारण सडक़ सकरी हो गई और हादसे होने लगे। पत्रिका ने इसको लेकर जिम्मेदारों का ध्यान दिलाया। समस्या कुछ हद तक दूर हुई।