यादवेंद्र सिंह राठौड़सीकर. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन आने वाली राजकॉम इंफो सर्विसेज लिमिटेड कंपनी की ओर से आबकारी विभाग के लिए करीब 350 करोड़ रुपए की लागत से नया साटवेयर आईइएमएस-2.0 तैयार किया गया है। आबकारी विभाग को इस सॉटवेयर को एक अक्टूबर से शुरू किया। नए सॉटवेयर के काम नहीं करने से […]
यादवेंद्र सिंह राठौड़
सीकर. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन आने वाली राजकॉम इंफो सर्विसेज लिमिटेड कंपनी की ओर से आबकारी विभाग के लिए करीब 350 करोड़ रुपए की लागत से नया साटवेयर आईइएमएस-2.0 तैयार किया गया है। आबकारी विभाग को इस सॉटवेयर को एक अक्टूबर से शुरू किया। नए सॉटवेयर के काम नहीं करने से राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मील (आरएसजीसीएम) की सभी 52 उत्पादन इकाइयों में पिछले सात दिन काम ठप रहा। वहीं प्रदेश की निजी शराब उत्पादन फैक्ट्रियों में भी उत्पादन नहीं हो पाया। ऐसे में नवरात्र के सीजन पर आबकारी विभाग के साथ ही प्रदेशभर के 7665 शराब ठेकेदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। शराब ठेकेदार पहले ही ठेकों की ऑनलाइन नीलामी व हर वर्ष शराब ठेके की रेट बढ़ने से परेशान हैं। वहीं सीजन में शराब आपूर्ति नहीं मिलने से परेशान हो रहे हैं।आखिर में आबकारी आयुक्त ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी जिला आबकारी अधिकारियों को नौ अक्टूबर को ऑफलाइन टीपी जारी करने व उत्पादन के आदेश जारी किए थे। शराब ठेकेदार इस बात से खफा हैं कि त्योहारी सीजन में माल की पूर्ति बाधित होने से उन्हें करीब 20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
प्रदेश में राज्य सरकार की राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मील की 17 उत्पादन इकाइयां व देशी शराब की 35 प्राइवेट सहित 52 इकाइयां हैं। इन सभी कंपनियों में एक अक्टूबर से लेकर 8 अक्टूबर तक नए सॉटवेयर की गड़बड़ी के चलते उत्पादन नहीं हो पाया। प्रदेश में देशी मदिरा के करीब 86 डिपो हैं जहां से प्रदेश के करीब 7665 शराब ठेकों पर देशी मदिरा नहीं पहुंचा पाई। ऐसे में नवरात्र सीजन के दौरान शराब ठेकेदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लि. (आरएसबीसीएल) के प्रदेश में 53 डिपो हैं। ऐसे में ऑनलाइन चालान नहीं कटने से सीजन के अंदर भी शराब ठेकेदारों को शराब का स्टॉक नहीं मिल सका।
आईइएमएस-2.0 साटवेयर के चलते 10 अक्टूबर को भी एक्स सर्विसमैन कैंटीन के परमिट नहीं कट पा रहे हैं। लाइसेंसी का लेजर शो नहीं हो पा रहा है। शादी या पार्टी के लिए एक दिन का ओकेजनल लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं। भांग व मौलासिस के लिए परमिट जारी नहीं हो पा रहे हैं। प्रदेश के सभी आबकारी सर्किल के आबकारी निरीक्षक व आबकारी थानों के प्रहराधिकारी अवैध मदिरा से संबंधित एफआईआर दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। नकली शराब के नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशाला में सैंपल नहीं भिजवा पा रहे हैं। जीएसएम में अभी भी आबकारी प्रभारी के हस्ताक्षर ऑफलाइन ही हो रहे हैं और शराब ठेकेदारों को ऑफलाइन पर्चियां काटकर दी जा रही है। जीएसएम उत्पादन में क्यूआर कोड व होलोग्राम को स्कैन कर हर क्वार्टर व इसके बाद पेटी को ऑनलाइन किया जाता है।
नए सॉटवेयर के अपग्रेडेशन का काम दो से चार अक्टूबर तक हुआ, शुरू में थोड़ी परेशानी थी। जहां पर साटवेयर काम नहीं किया, वहां ऑफलाइन काम कराया। अब कहीं किसी भी उत्पादन इकाई या गोदा में सॉटवेयर की बड़ी समस्या नहीं है। ठेकेदारों को प्रोपर माल सप्लाई होने लग गया है।
प्रदीप सांगावत, एडिशनल कमिश्नर, आबकारी विभाग, उदयपुर
नए सॉटवेयर के चलते नवरात्र के पिक सीजन में ठेकेदारों को आठ दिन तक माल सप्लाई नहीं हो सका, ऐसे में शराब ठेकेदारों की गारंटी कम की जाए। वहीं नए सॉटवेयर साटवेयर आईइएमएस-2.0 पर शराब ठेकेदरर गारंटी नहीं देख पा रहे हैं और आबकारी विभाग भी हमारी गारंटी नहीं दिखा पा रहा है। नए साटवेयर से शराब ठेकेदारों को करीब 20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अब यदि आबकारी विभाग की ओर से 10 दिन की गारंटी थोपी गई तो शराब यूनियन इसको लेकर आंदोलन करेगी।
अशोक झाझड़िया, अध्यक्ष, सीकर शराब ठेकेदार यूनियन