लोकेशन और शिकारियों की तलाश में जुटा पार्क प्रबंधन, पूर्व में भी सामने आ चुके हंै मामले
शहडोल. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के युवा बाघ छोटा भीम ने खितौली और पनपथा बफर जोन के बीच 35-40 किमी एरिया में अपनी टेरीटेरी बना रखी थी। सहज ही पर्यटकों को नजर आने वाला यह बाघ फें्रडली होने की वजह से काफी चर्चित रहा है। हाल ही में घटी एक घटना के बाद यह बांधवगढ़ से कुछ समय के लिए अब दूर हो गया है। अब पर्यटकों के इसके पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर वापसी का इंतजार है। वहीं पार्क प्रबंधन बाघ के गले में क्लच वायर के फंदे को लगाने वालों की तलाश में जुटा है। पार्क प्रबंधन का कहना है कि शिकार के उद्देश्य से किसी ने जंगल में क्लच वायर का फंदा लगा रखा था। यही फंदा छोटा भीम के गले में फंस गया था। पार्क प्रबंधन लोकेशन के साथ ही इसे लगाने वालों की तलाश कर रहा है। हालांकि अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
शिकार के लिए क्लच वायर का उपयोग
जानकारी के अनुसार वन्यजीवों के शिकार के लिए क्लच वायर का उपयोग किया जाता है। इसके पूर्व भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें क्लच वायर के फंदे से वन्यजीवों का शिकार किया गया था। पार्क प्रबंधन की माने तो पनपथा बफर की सीमा से लगे क्षेत्र में शिकार के उद्देश्य से फंदा लगाया गया था। इसमें छोटे वन्यजीवों की जगह छोटा भीम फंस गया। गनीमत थी कि किसी कारण से फंदा उसके गले में फंसा रहा और दूसरी तरफ से छूट गया, नहीं तो शिकारियों के जाल में फंस जाता।
शिकारियों का नहीं मिला सुराग, दावा- जल्द पकड़ेंगे
घटना के बाद सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। फंदा कहां लगाया गया था, किसने लगाया था, घटना कब घटित हुई है इन सबकी जानकारी जुटाई जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि जल्द आरोपियों को पकड़ेंगे। इसमें जो भी तथ्य सामने आएंगे आगे की कार्रवाई की जाएगी। पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वालों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
ये है खासियत: पर्यटकों को सहजता से नजर आता था छोटा भीम
पार्क प्रबंधन की माने तो छोटा भीम 6-7 वर्ष का पूर्ण वयस्क बाघ है। इसकी पहचान बजरंग के भाई के रूप में भी है। कद काठी के साथ ही फ्रेंडली स्वभाव के कारण यह काफी चर्चित है। यह काफी सहजता से दिखने वाला बाघ है और जिप्सी वाहनों के करीब भी पहुंच जाता है। पर्यटक इसका दीदार काफी करीब से कर पाते थे। यही वजह थी कि पर्यटकों के बीच चर्चित रहा है।
इनका कहना है
छोटा भीम का इलाज भोपाल में चल रहा है, फिलहाल स्वस्थ है। फं्रेडली होने की वजह से पर्यटकों के बीच काफी चर्चित रहा है। क्लच वायर के फंदे का उपयोग शिकार में किया जाता है। हम सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं। फंदा लगाने वाले जल्द ही हमारी गिरफ्त में होंगे।
पीके वर्मा, उप संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व