Questions are being raised on purchase of ATM card in District Cooperative Bank
जिला सहकारिता बैंक में एटीएम कार्ड खरीदी पर उठ रहे सवाल
टीकमगढ़. प्रदेश में जिला सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है। उसके बाद भी फिजूल खर्ची और अनुपयोगी सामान की खरीदी पर रोक लगती नहीं दिखाई दे रही है। ऐसा ही मामला सहकारी बैंकों द्वारा पूरे प्रदेश में खरीदे गए एटीएम कार्ड का सामने आया है। प्रदेश के 34 जिलों के सहकारी बैकों द्वारा 19 करोड़ रुपए से अधिक राशि के 17.45 लाख एटीएम कार्ड खरीदे गए है और मात्र 2 लाख ही वितरित किए गए है।
जिला सहकारी बैंकों द्वारा क्रय किए गए एटीएम कार्ड की उपयोगिता को लेकर टीकमगढ़ के कांग्रेस विधायक यादवेंद्र सिंह बुंदेला द्वारा विधानसभा में प्रश्न उठाया गया था। सहकारिता विभाग के मंत्री विश्वास सारंग ने इसका जवाब दिया है। इसमें बताया गया है कि प्रदेश में 110 रुपए प्रति एटीएम कार्ड (कर अतिरिक्त) के हिसाब से यह कार्ड क्रय किए गए है। 34 जिलों के सहकारी बैंकों ने इसकी खरीदी की है। साथ ही बताया गया है कि पिछले डेढ़ साल में इन जिलों में 2 लाख 3065 कार्ड का वितरण किया गया है। विदित हो कि सहकारी बैंक के एटीएम कार्ड लेने के लिए न तो किसान और न ही बैंक के अन्य उपभोक्ता आगे आ रहे है। ऐसे में यह कार्ड बैंकों में पड़े धूल खा रहे है।
खरगोन में सबसे अधिक खरीदी
सबसे अधिक एटीएम कार्ड खरगोर जिला सहकारी बैंक द्वारा क्रय किए गए है। यहां पर 3.50 लाख कार्ड खरीदे गए है, वहीं यहां पर महज 22861 कार्ड ही किसानों सहित अन्य ग्राहकों को वितरित किए गए है। वहीं सबसे कम कार्ड जिला गुना एवं शिवपुरी के सहकारी बैंकों ने की है। इन बैंकों ने एक-एक हजार कार्ड ही खरीदे है। टीकमगढ़ जिले में खरीदे गए 5 हजार कार्ड के एवज में 185 कार्ड ही वितरित हो सके है। वहीं पड़ौसी जिले छतरपुर का हाल तो और भी खरा है। यहां पर खरीदे गए 15 हजार कार्ड में से महज 42 ही वितरित हुए है। ग्वालियर और शिवपुरी में तो अब तक एक भी कार्ड वितरित नहीं किया गया है।
नहीं एटीएम मशीन
विदित हो कि जिला सहकारी बैंक द्वारा टीकमगढ़ के साथ ही बहुत से जिलों में अब तक एटीएम मशीन भी नहीं लगाई गई है। सहकारी बैंक द्वारा विभिन्न समितियों पर माइक्रो एटीएम मशीन (पीओएस) उपलब्ध कराई गई है, लेकिन इस पर भी बहुत सी समितियों पर लोगों को रुपयों का लेन-देन करने में परेशानी होती है। कई बार समितियों पर इतने रुपए भी उपलब्ध नहीं होते है, जितने की किसान को जरूरत होती है। ऐसे में बैंक द्वारा क्रए किए गए एटीएम कार्ड का औचित्य भी समझ से परे बना हुआ है।