मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने अमेरिकी आव्रजन छापों की निंदा की है। क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।
मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने अमेरिका में आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) द्वारा मारे जा रहे आव्रजन छापों की निंदा की है और कहा है कि हाल ही में दो मैक्सिकन नागरिकों की मौत की जांच का अनुरोध करते हुए अमेरिका को एक राजनयिक नोट भेजा गया है। शिनबाम ने बुधवार को अपनी दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "इस मामले पर अमेरिका को एक राजनयिक नोट भेजा गया था, जिसमें अनुरोध किया गया था कि जांच की जाए और अगर कोई मानवाधिकार उल्लंघन के लिए ज़िम्मेदार है, तो उसे सज़ा दी जाए।"
मैक्सिकन प्रवासी इस्माइल अयाला-उरीबे और सिल्वरियो विलेगास गोंजालेज की अमेरिका में आईसीई छापों और हिरासत के बाद मृत्यु हो गई थी। शिनबाम ने अमेरिकी सख्ती की निंदा की है। साथ ही दोनों की मृत्यु पर शोक भी व्यक्त किया है।
शिनबाम ने अमेरिका में प्रवासियों के अपराधीकरण पर खेद जताते हुए वहाँ रहने वाले मैक्सिकन लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त किया। इसके साथ ही मैक्सिकन लोगों के प्रति समर्थन के लिए अपनी सरकार की पहलों पर ज़ोर दिया, जिसमें एक आपातकालीन हॉटलाइन की स्थापना और तकनीकी एवं कानूनी सलाह प्रदान करने वाली सेवाओं को मज़बूत करना शामिल है।
शिनबाम ने कहा कि अमेरिका की आक्रामक आप्रवासी-विरोधी नीतियाँ न सिर्फ मेक्सिकन लोगों को, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रही हैं। मैक्सिकन राष्ट्रपति के अनुसार अमेरिका में रहने वाले मैक्सिकन, चाहे वो पहली, दूसरी, तीसरी या चौथी पीढ़ी के हों, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और वो अपने घर भेजे जाने वाले धन के माध्यम से भी मैक्सिकन अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं। उन्होंने इस तरह के व्यवहार और छापेमारी का विरोध करते हुए इसे अन्यायपूर्ण बताया।