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11-12 नवंबर को आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा, रोशनी से जगमगाएगा आकाश 

Taurid meteor shower: वैसे तो इस अद्भुत खगोलीय घटना की प्रक्रिया सितंबर महीने से ही शुरू हो गई थी लेकिन अब 12 नवंबर तक ये अपने चरम पर होगी जिसे सीधे आंखों से आसमान मेें देखा जा सकेगा।

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Taurid meteor shower 2024 11 and 12 november when and where it see

Taurid meteor shower: 11 और 12 नवंबर की रात खगोलीय विज्ञान के लिए एक अद्बुत रात होने वाली है और खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए ये एक ऐसा मौका है जिसमें ये लोग अंतरिक्ष-ब्रह्मांड के रोमांच से ओत-प्रोत हो जाएंगे। दरअसल इस दिन आसमान लाखों उल्काओं (Meteor) की बारिश दिखाई देगी, जिससे आसमान में आतिशबाजी जैसा नजारा देखने को मिलेगा। इसे टॉरिड उल्का वर्षा कहते हैं। इस साल ये घटना फिर घटित हो रही है इसलिए इसे टॉरिड उल्का वर्षा 2024 कहा जा रहा है। क्या है ये टॉरिड उल्का वर्षा और कब, कहां, कितने समय और कैसे इसे देख सकते हैं, ये सब कुछ हम आपको बता रहे हैं। 

क्या है टॉरिड उल्का वर्षा 

अंतरिक्ष की खबरें देने वाली स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक टॉरिड उल्का वर्षा धूमकेतु 2P/Encke के मलबे, बर्फ और धूल की वजह से होती है, जब ये हमारे सौर मंडल से होकर गुजरता है। ये मलबा इतना बड़ा और फैला हुआ होता है कि पृथ्वी को मलबे के पूरे भाग से गुजरने में काफी लंबा समय लगता है, जिसके चलते इस वर्षा के दो अलग-अलग भागों का अनुभव होता है - उत्तरी टॉरिड्स और दक्षिणी टॉरिड्स। धूमकेतु एन्के और टॉरिड उल्का वर्षा को एक बहुत बड़े धूमकेतु के अवशेष माना जाता है, जो पिछले 20,000 से 30,000 सालों में टूटकर बिखर गया था।

टॉरिड उल्काएं दूसरी उल्काओं के मुकाबले काफी बड़ी होती हैं। ये धरती के वायुमंडल से गुज़रने के बाद भी लंबे समय तक जिंदा रहती हैं। NASA की रिपोर्ट ने एक उदाहरण देेते हुए समझाया कि ओरियोनिड्स (उल्काएं) आमतौर पर 58 मील (93 किमी) की ऊँचाई पर जाकर जल जाते हैं जबकि टॉरिड्स आमतौर पर 42 मील (66 किमी) की दूरी तक पहुंचते हैं। हालांकि वे ओरियोनिड्स के मुकाबले धीमी रफ्तार से चलते हैं। ये लगभग 17 मील (27 किलोमीटर) प्रति सेकंड या 65,000 मील (104,000 किमी) प्रति घंटे की गति से आकाश में घूमते हैं। वहीं पर्सिड्स (उल्काएं) 37 मील (59 किमी) प्रति सेकंड की गति से आकाश में उड़ते हैं।

कब दिखाई देगा ये अद्भुत नजारा

टॉरिड्स वर्षा दो तरह की हो रही है दक्षिणी टॉरिड्स और उत्तरी टॉरिड्स, दक्षिणी टॉरिड्स 28 सितंबर से 2 दिसम्बर तक एक्टिव रहते हैं और 4 नवम्बर और 5 नवम्बर के आसपास चरम पर होते हैं जबकि उत्तरी टॉरिड्स 13 अक्टूबर से 2 दिसम्बर के बीच सक्रिय रहते हैं और 11-12 नवम्बर के आसपास चरम पर होते हैं। ऐसे में 11 और 12 नवंबर को आप आसानी से सीधे आंखों से उन्हें देख सकते हैं।  

कैसे देखें ये टॉरिड्स वर्षा

स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक टॉरिड्स उल्का वर्षा को सबसे अच्छे से देखने के लिए आपको सबसे अंधेरी जगह पर जाना होगा। जहां लाइट्स ना हो। जितना आपसे संभव हो उतना आप आसमान को देखें। ये नजारा देखने के लिए आपको किसी तरह के दूरबीन की जरूरत नहीं है। ध्यान से और गौर से देखने पर आपको इन उल्काओं की बारिश रंग-बिरंगी रोशनी के तौर पर दिखाई देगी।

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