अब तक 37 लोग गिरफ्तार
पिछले 24 घंटों में हुई गिरफ्तारियों में मोगा का रवीन्द्र सिंह आनंद भी शामिल है। मकैनिकल जैक बनाने वाली फैक्ट्री चलाने वाले रवीन्द्र ने लुधियाना के कारोबारी से 11000 रुपए प्रति ड्रम के हिसाब से नकली शराब के तीन केन (प्रत्येक 200 लीटर) खरीदे थे। उसने हाल ही में हैंड सैनीटाइजर का उत्पादन करने की शुरुआत भी की थी। रवीन्द्र के पास से ये 3 ड्रम मोगा के अवतार सिंह के पास पहुँचे जिसने इनको तरन तारन के गाँव पंडोरी गोला के निवासी हरजीत सिंह और उसके 2 पुत्रों को 28000 रुपए प्रति ड्रम के हिसाब से बेच दिये। हरजीत और उसके पुत्रों ने 50000 रुपए दिए थे और बाकी बनता भुगतान अभी करना था और उन्होंने इन ड्रमों को अपने गाँव के नजदीक झाडि़यों में छुपा दिया।
पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि हरजीत और उसके पुत्रों (सतनाम और शमशेर) द्वारा 6000 रुपए में गोबिन्दर सिंह को इन ड्रमों में से नकली शराब की 42 बोतलें दी गई थीं। उसके द्वारा इसमें 10 प्रतिशत मिलावट करके इनसे 46 बोतलें बना दी गर्इं और इनको आगे 28 और 29 जुलाई को 23-23 बोतलें करके बलविन्दर कौर के पुत्रों को बेच दिया गया। बलविन्दर, जिसको इस केस में सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था, ने इस शराब में 50 प्रतिशत और पानी मिलाकर इसको आगे 100 रुपए के हिसाब से बेच दिया। रवीन्द्र सिंह ने और खुलासे करते हुए कहा है कि वह मोगा निवासी एक पेंट स्टोर के मालिक अश्वनी बजाज का सहयोगी है जिसको गिरफ्तार कर लिया गया है। रवीन्द्र से पूछताछ में राजेश जोशी की सम्मिलन सामने आई जोकि अभी तक भगौड़ा है। डी.जी.पी ने बताया कि प्राथमिक जांच इस पक्ष की तरफ इशारा करती है कि गोबिन्दर, रवीन्द्र, दर्शना रानी, त्रिवेनी चौहान और हरप्रीत सिंह इस मामले में मुख्य दोषी हैं जिनके और बड़े माफिया गिरोह सदस्यों के साथ संबंधों की जांच की जा रही है।