यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि 1 अप्रैल, 2020 से लेकर 30 सितम्बर, 2020 तक के समय के लिए होटलों और रेस्टोरेंट्स के 1065 बार की सालाना लाइसेंस फीस 50 प्रतिशत माफ किए जाने से खज़ाने पर 1355.50 लाख रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा, जो कि 2020-21 के लिए अनुमानित राजस्व का आधा है। इसी तरह ही उपरोक्त समय के लिए कुल 2324 लाइसेंस प्राप्त मैरिज पैलेसों के सम्बन्ध में यह वित्तीय बोझ 350 लाख रुपए का होगा, जो कि साल 2020-21 के अनुमानित राजस्व का आधा हिस्सा होगा। जहाँ तक बार के लाइसेंसों की आगामी तिमाही अनुमानित फीस माफ करने का सवाल है तो इसमें वित्तीय बोझ की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि फीस माफी का अनुमान सिर्फ अग्रिम तौर पर एकत्रित की गई फीस सम्बन्धी ही लगाया जा सकता है जो कि एडजस्ट होने योग्य है और अब फीस एकत्रित किए जाने को बार द्वारा खरीद किए जाने तक आगे करने का प्रस्ताव है।
यह ध्यान देने योग्य है कि होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ पंजाब, होटल रेस्टोरेंट एंड रिजॉर्ट एसोसिएशन ऑफ पंजाब और मैरिज पैलेस एसोसिएशन ऑफ पंजाब द्वारा मंत्रियों के समूह से लाइसेंस फीस और तिमाही अनुमानित फीस में छूट देने की माँग की गई थी। तर्क दिया था कि कोविड-19 महामारी और इसके बाद कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाए जाने के कारण उनके व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ा था। इस मसले को वित्त कमिश्नर (कर) ए. वेणु प्रसाद और आबकारी कमिश्नर रजत अग्रवाल के साथ विचारा गया और उसके बाद मुख्यमंत्री के पास मंज़ूरी के लिए भेजा गया।