scriptबार, मैरिज पैलेस, होटल और रेस्टोरेंट्स की सालाना लाइसेंस फीस माफ, जानिए कितना होगा नुकसान | Bar, marriage palace, hotels and restaurants waive annual license fees | Patrika News

बार, मैरिज पैलेस, होटल और रेस्टोरेंट्स की सालाना लाइसेंस फीस माफ, जानिए कितना होगा नुकसान

locationअमृतसरPublished: Sep 30, 2020 07:27:23 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

कोविड-19 महामारी और कर्फ्यू के कारण व्यापार पर पड़ा बुरा प्रभाव
पंजाब सरकार पर पड़ेगा 1705 लाख रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ

नशाखोरी में यूपी देश में नम्बर वन, शराब के शौकीनों की संख्या सुन मुसकुराए बिना नहीं रह सकेंगे

नशाखोरी में यूपी देश में नम्बर वन, शराब के शौकीनों की संख्या सुन मुसकुराए बिना नहीं रह सकेंगे

चंडीगढ़। मंत्रियों के समूह की सिफारिशों के साथ सहमति प्रकट करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को बार, मैरिज पैलेस, होटल और रेस्टोरेंट को बड़ी राहत दी है। इनकी साल 2020-21 के लिए अप्रैल से सितम्बर 2020 तक की सालाना लाइसेंस फीस और अप्रैल से जून और जुलाई से सितम्बर 2020 की तिमाही अनुमानित फीस माफ करने को मंज़ूरी दे दी गई है।
सरकार पर पड़ेगा वित्तीय बोझ
यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि 1 अप्रैल, 2020 से लेकर 30 सितम्बर, 2020 तक के समय के लिए होटलों और रेस्टोरेंट्स के 1065 बार की सालाना लाइसेंस फीस 50 प्रतिशत माफ किए जाने से खज़ाने पर 1355.50 लाख रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा, जो कि 2020-21 के लिए अनुमानित राजस्व का आधा है। इसी तरह ही उपरोक्त समय के लिए कुल 2324 लाइसेंस प्राप्त मैरिज पैलेसों के सम्बन्ध में यह वित्तीय बोझ 350 लाख रुपए का होगा, जो कि साल 2020-21 के अनुमानित राजस्व का आधा हिस्सा होगा। जहाँ तक बार के लाइसेंसों की आगामी तिमाही अनुमानित फीस माफ करने का सवाल है तो इसमें वित्तीय बोझ की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि फीस माफी का अनुमान सिर्फ अग्रिम तौर पर एकत्रित की गई फीस सम्बन्धी ही लगाया जा सकता है जो कि एडजस्ट होने योग्य है और अब फीस एकत्रित किए जाने को बार द्वारा खरीद किए जाने तक आगे करने का प्रस्ताव है।
होटल वालों ने थी मांग
यह ध्यान देने योग्य है कि होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ पंजाब, होटल रेस्टोरेंट एंड रिजॉर्ट एसोसिएशन ऑफ पंजाब और मैरिज पैलेस एसोसिएशन ऑफ पंजाब द्वारा मंत्रियों के समूह से लाइसेंस फीस और तिमाही अनुमानित फीस में छूट देने की माँग की गई थी। तर्क दिया था कि कोविड-19 महामारी और इसके बाद कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाए जाने के कारण उनके व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ा था। इस मसले को वित्त कमिश्नर (कर) ए. वेणु प्रसाद और आबकारी कमिश्नर रजत अग्रवाल के साथ विचारा गया और उसके बाद मुख्यमंत्री के पास मंज़ूरी के लिए भेजा गया।

ट्रेंडिंग वीडियो