नहीं पढ़ पाए संदेश
ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह कौम के नाम संदेश जारी कर रहे थे। तो सरबत खालसा के जत्थेदार ध्यान सिंह मंड अकाल तख्त साहिब के नीचे खड़े होकर संदेश पढ़ रहे थे। इस पर उन्हें शिरोमणि कमेटी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने रोक दिया। इसके बाद मंड के समर्थकों ने खालिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए और तलवारें लहराई गईं। इस विरोध के चलते ज्ञानी हरप्रीत सिंह तीन लाइनों का संदेश ही पढ़ कर सुना पाए। इसके बाद उन्होंने ऑपरेशन ब्लूस्टार में मारे गए लोगों के परिवारों को सम्मानित किया।
उग्र भीड ने तोड दिए बेरीकेड
मंड के समर्थक इतने उग्र हो गए कि उन्होंने श्री हरिमंदिर साहिब के भीतर सुरक्षा के लिए लगाए गए बेरीकेड तोड़ दिए। इस दौरान जमकर धक्का- मुक्की हुई और तलवारें व कृपाणें लहराई गईं। मंड समर्थकों की नारेबाजी के बीच अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष सिमजीत सिंह मान भी अकाल तख्त साहिब के पास समर्थकों सहित पहुंच गए। मान के समर्थकों ने खालिस्तान का कथित झंडा भी फहराया। हालात को देखते हुए किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए अमृतसर में 5000 से अधिक पुलिसबल तैनात किए गए हैं।