किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सविंदर सिंह चुताला और सतनाम सिंह पनु ने बताया कि किसान कर्ज के दलदल में फंसे हुए हैं। उनको राहत देने की जगह बैंकों और अदालत द्वारा नोटिस जारी किए जा रहे हैं। किसानों की गिरफ्तारी भी की जा रही है। इसी कारण किसाान धरना पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के निर्देशों के कारण बैंकों और अदालत ने किसानों के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं और किसानों की गिरफ्तारी भी हो रही है। किसानों की फसल भी कोड़ियों के भाव बिकती है और पंजाब में नशा भी सरेआम बिक रहा है। युवा पीढ़ी नशे की वजह से बर्बाद हो रही है। वादों के बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार ने स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट अभी तक लागू नहीं की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में धान की बिजाई 1 जून से होनी है, ऐसे में पर्याप्त पानी और बिजली चाहिए। किसानों के बिजली बिल माफ होने चाहिए। पंजाब में किसान की हालत बहुत खराब है और कर्ज़ के कारण वे खुदकुशी कर रहे हैं। ऐसे में किसानों के कर्ज माफ होना चाहिए।
किसानों के धरने की वजह से इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही रोकी गई। ज्यादातर ट्रेनों का रूट बदलकर उनको तरनतारन से गाेइंदवाल के रास्ते भेजा जा रहा है। कुछ ट्रेनों को रद भी किए जाने की सूचना है। इससे रेल यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। एसडीएम विकास हीरा मौके पर किसानों से बात करने पहुंचे लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक हमारी सभी मांगे पूरी नही होंगी धरना जारी रहेगा। रेलवे और प्रशासनिक अधिकारी बातचीत की कोशिश कर रहे पर किसान अपनी बात पर अड़े हुए हैं