घरेलू एकांतवास के लिए मरीज एक किट खरीदेगा जिसमें थर्मामीटर, पल्स ऑसीमीटर, विटामिन सी और जिंक की गोलियाँ होनी चाहिए। किसी भी लक्षण के लिए बाकायदा खुद की निगरानी करेंगे और लक्षण दिखाई देने या स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करेंगे। घरों में एकांतवास किये मरीजों का फॉलो-अप जिला प्रशासन कोविड रोगी ट्रैकिंग टीम द्वारा किया जायेगा। यह टीमें घरों में एकांतवास होने वाले मरीजों का फोन के जरिये फॉलो-अप और कम से कम 3 दौरे करना यकीनी बनाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘यदि दौरे के दौरान प्रोटोकॉल के अनुसार मरीज द्वारा घर में एकांतवास रहने संबंधी स्व-घोषणा पत्र में दी गई जानकारी गलत पाई जाती है, तो ऐसे मरीजों को एकांतवास केंद्र में तब्दील कर दिया जायेगा।’’
हल्के लक्षण वाली कोविड-19 पॉजिटिव गर्भवती महिलाएं जो कम-जोखिम वाली गर्भ अवस्था में हैं और जिनकी अगले तीन हफ्तों में प्रसूति होने की संभावना नहीं है और यदि महिला को किसी गायनीकोलोजिस्ट द्वारा सर्टीफाई किया जाता है तो उसे घर में एकांतवास किया जा सकता है। प्राइवेट संस्थानों को भी इसी प्रोटोकॉल का पालन करने की हिदायत की गई है। अगर किसी घर में एकांतवास किये मरीजों को किसी डॉक्टरी सहायता की जरूरत होती है तो उनको 104 या जिला हेल्पलाइन नंबर पर फोन करना चाहिए।