सिद्धू ने कहा कि राज्य सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि घायलों का जीवन आसान करने के लिए कैसे मदद दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र के घायल को आर्थिक मदद दी जाएगी। इससे अधिक उम्र के घायलों को निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाई जाएगी। हादसे में कई घायल विकलांग हो गए है। ऐसे में उनकी क्षमता और योग्यता के अनुसार नौकरी दिलाई जाएगी।
59 लोगों की जान लील गया ट्रेन हादसा
हादसा नवजोत सिद्धू के निर्वाचन क्षेत्र में ही हुआ था। हादसे में अब 59 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। इनमें से 46 के परिजनों को अब तक पांच-पांच लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। सिद्धू ने कहा कि सरकार की व्यवस्था में मदद की सीमा है। लेकिन वे किसी भी पीडित को असहाय नहीं छोडेंगे। सरकार जिन पीडितों का पुनर्वास नहीं कर पायेगी उनकी मदद मैं करूंगा।
उन्होंने कहा कि बेसहारा हुए बुजुर्गों को सरकार की ओर से दी जाने वाली पेंशन नाकाफी होगी तो वे स्वयं आजीवन उनकी मदद करेंगे। हादसे में एक लडकी ने अपने माता-पिता गंवा दिए और एक गर्भवती महिला ने अपना पति गंवा दिया। मैं ऐसे लोगों की जानकारी जुटा रहा हूं। हम इनका भविष्य सुनिश्चित करेंगे। हमने जरूरतमंदों को मदद देना शुरू कर चुके है। हादसे में अनाथ हुए बच्चों को संभालने के लिए लोग सरकार से सम्पर्क कर रहे है।