पंजाब के मुकाबले हरियाणा में शराब तीस से चालीस फीसदी सस्ती है। पंजाब के साथ हरियाणा की सीमा करीब 45 किलोमीटर लगती है। हालांकि पंजाब पुलिस शराब तस्करी रोकने का प्रयास कर रही है फिर भी सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पंजाब की संगरूर पुलिस ने इस साल जनवरी से अब तक 658 मामलों में 751 लोगों को शराब तस्करी के लिए गिरफ्तार किया है। पुलिस की समस्या यह है कि शराब की तस्करी बहुत छोटी-छोटी मात्रा में की जाती है। इतनी कम मात्रा में मुखबिरी के जरिए इसको पकडना मुश्किल होता है।
इसी तरह भटिंडा पुलिस रेंज के भटिंडा,मानसा और मुक्तसर जिलों में भी इसी तरह एक्साइज एक्ट में पिछले 16 अप्रेल से अब तक 1020 मुकदमे दर्ज कर 1024 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मानसा जिले में इसी अवधि में 330 मामलों में 336 लोग गिरफ्तार किए गए है। पंजाब में शराब की तस्करी मुख्यतः हरियाणा के सिरसा और डबवाली जिलों से की जा रही है। तस्करी करने वालों को उन सभी रास्तों का पता है जिनसे पुलिस नाकों से बचते हुए पंजाब के नीयत स्थान तक पहुंचा जा सकता है। पंजाब के संगरूर जिले और हरियाणा के बीच ऐसे करीब तीन दर्जन रास्ते है। तस्कर मोटरसाईकिल,स्कूटर,कार और ट्रैक्टर-ट्रॉली में शराब ले जाते है।
पुलिस अफसरों का कहना है कि इसमें डिस्टलरीज की भी भूमिका है। पंजाब में जो लोग शराब का ठेका नहीं ले पाते वे इस तरह हरियाणा से तस्करी शुरू कर देते है। दोनों राज्यों की सीमा पर रहने वाले ग्रामीण भी अपनी आय बढाने के लिए यह धंधा करने लगे है। पंजाब के ठेकेदार भी हरियाणा से सस्ती शराब मंगवाकर मुनाफा कमा रहे है। पंजाब के भटिंडा,मानसा,मुक्तसर और फाजिल्का जिलों में इस तरह शराब की तस्करी करने वाले रोजना गिरफ्तार किए जा रहे हैं। कई बार पंजाब के शराब ठेकेदारों के कर्मचारी पुलिस को सूचित किए बिना ऐसे तस्करों पर छापे की कार्रवाई कर देते है और संघर्ष की घटनाएं हो जाती हैं।