यह कह रही जांच रिपोर्ट
मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने जालंधर के मंडल आयुक्त बी. पुरूषार्थ को घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री ने जांच में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई के आदेश दिए है। जांच रिपोर्ट के अनुसार जहां लोगों ने रेलवे लाईन पर खडे रहकर रावण दहन समारोह देखने की गलती की वहीं आयोजकों ने समारोह आयोजन की विधिवत अनुमति नहीं ली और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए। साथ ही पुलिस व नगर निगम के अधिकारियों ने अनावश्यक उदारता दिखाते हुए कानून लागू नहीं किया। रेल लाईन के जोडा फाटक गेट नम्बर 27 पर तैनात गेटमेंन अमित सिंह अपनी विधिक ड्यूटी भी नहीं कर सका। उसने हादसे को रोकने के लिए उचित सुरक्षा कदम नहीं उठाए।
रिपोर्ट में गेटमेंन अमित सिंह को रेलवे के उन कर्मचारियों में से एक बताया जिनकी बडी गलती से रेल हादसा हुआ। रिपोर्ट में रेल लाईन के गेट नम्बर 26 पर तैनात गेटमेंन निर्मल सिंह को भी दोषी करार दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेल लाईन पर लोगों की मौजूदगी का निर्मल सिंह को शाम साढे पांच बजे से पता था लेकिन उसने गेटमेंन अमित सिंह को शाम पौने सात बजे तक इस बारे में सूचित किया। इससे पहले रेलवे सुरक्षा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में रावण दहन दर्शकों को ही दोषी बताया गया था।