एक तरफ कर्ज माफी के बावजूद राज्य के किसान प्रदेश सरकार के खिलाफ लाम बंद हो रहे हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश में औद्योगिक क्षे त्र में पूंजी निवेश न होने से उद्योग जगत जहां पीछे की तरफ जा रहा है वहीं बेरोजगारी की समस्या भी लगा तार बढ़ रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उद्योग विभाग से वर्त मान में चल रहे उद्योगों तथा पूर्व समय के दौरान हुई बैठ कों के संबंध में स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में उद्योग व व्यापार के क्षेत्र में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक चार माह में बड़े प्रयास किए।
वर्तमान अमरिंदर सिंह सरकार ने भी पूर्व अकाली-भाजपा सरकार की तरह बड़े कारोबारियों के साथ बैठकें की। मुख्यमंत्री मुुंबई में कई बड़े निवेशकों से मिलने के लिए भी गए। जापान सहित अन्य कई देशों के प्रतिनिधयों के लिए एक अलग सैल भी स्थपित किया है। परंतु नौ बाद भी बात आश्वासनों से आगे नहीं बढ़ सकी। सरकारी हलकों में चर्चा है कि पंजाब सरकार के व्यवहार के कारण कनाडा से आईटी तकनौलजी, मानव स्त्रोत के विकास व पर्यावरण में पंूजी निवेश की संभावनाएं भी समाप्त हो गई हंै।
जिसके चलते विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। अब मुख्यमंत्री ने नए सिरे से पूंजी निवेश की संभावनाओं को तलाशने के लिए अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा नए सिरे से औद्योगिक विकास की नीति तैयार की जाएगी।