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पड़ोसी का प्याज मिटाएगा संकट, पुराना दोस्त निभा रहा साथ

locationअमृतसरPublished: Dec 10, 2019 09:28:09 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

प्याज को लेकर देशभर में हंगामा है। इसके बढ़ते दाम लोगों को खूब रुला रहे हैं। लेकिन अब प्याज की चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि पड़ोस से काफी प्याज..

पड़ोसी का प्याज मिटाएगा संकट, पुराना दोस्त निभा रहा साथ

पड़ोसी का प्याज मिटाएगा संकट, पुराना दोस्त निभा रहा साथ

अमृतसर. प्याज को लेकर देशभर में हंगामा है। इसके बढ़ते दाम लोगों को खूब रुला रहे हैं। लेकिन अब प्याज की चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि पड़ोस से काफी प्याज आ रहा है। संकट की घड़ी में पड़ोसी देश ने भारत का हमेशा ही साथ निभाया है। इस बार भी निभा रहा है। यहां बात हो रही है अफगानिस्तान की, जिसने पिछले छह दिनों में प्याज के 190 ट्रक भारत भेजे हैं। शनिवार को वाघा सीमा के रास्ते अफगानिस्तान से 85 ट्रक प्याज अटारी सडक़ सीमा पर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) में पहुंचे थे। सोमवार को 27 ट्रक प्याज आईसीपी में पहुंचे। इससे पहले भी सितंबर में अफगानिस्तान से प्याज के लगभग 30 से अधिक ट्रक भारत आए थे। पाकिस्तान के साथ व्यापार करने वाले व्यापारियों के अनुसार अफगानिस्तान से 35 से 40 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज भारत पहुंच रहा है। प्याज में कोई भी कस्टम ड्यूटी नहीं है। इसलिए आईसीपी से प्याज सीधा थोक मंडियों में पहुंच रहा है जहां प्याज 65 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। उन्होंने बताया की प्याज रिटेलर ने प्याज के दाम को बढ़ाया हुआ है। रिटेलर अफगानी प्याज को नासिक का प्याज बताकर बेच कर अधिक दाम वसूल रहे हैं। अफगानिस्तान के प्याज की गुणवत्ता बेशक नासिक के प्याज से कम है, इसके बावजूद अफगानी प्याज का स्वाद अच्छा है। अफगानिस्तान से शनिवार को 85 ट्रक प्याज आईसीपी में पहुंचा था। मजदूरों की हड़ताल के कारण प्याज के कुछ ट्रक वापस पाकिस्तान वाघा में भेज दिए थे। प्याज के यह ट्रक सोमवार को आईसीपी में पहुंचे। अफगानिस्तान से भारी मात्रा में आए प्याज के कारण आईसीपी में स्थित सभी गोदाम भर गए हैं।

कम होगी किल्लत

पड़ोसी का प्याज मिटाएगा संकट, पुराना दोस्त निभा रहा साथ

प्याज को दिल्ली सहित कई अन्य मंडियों में सप्लाई करने के लिए व्यापारी ट्रक यूनियन से संपर्क स्थापित कर रहे हैं। पुलवामा हमले के बाद भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय संबंधों के टूट जाने के बाद बंद हुए व्यापार के कारण आईसीपी में काम करने वाले 1400 कुलियों को लगभग 9 माह के बाद काम नसीब हुआ है। इसी तरह अफगानिस्तान से आने वाले प्याज ने बंद पड़े ट्रक यूनियन के दफ्तर का बंद पड़ा ताला भी खोला है। याद रहे कि अफगानिस्तान का प्याज मोटा होता है। अफगानी प्याज और भारतीय प्याज के स्वाद में अंतर भी होता है। देश में प्याज की फसल बाढ़ में बह जाने के बाद किल्लत आ गई है। जानकारी के मुताबिक भारतीय व्यापारी थोक मंडियों में भेजे गए प्याज की बिक्री पर नजर रख रहे हैं। यदि अफगानिस्तान के प्याज की बिक्री ठीक रही तो भारतीय व्यापारी अफगानिस्तान से प्याज का आयात करेंगे।

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