कम होगी किल्लत
प्याज को दिल्ली सहित कई अन्य मंडियों में सप्लाई करने के लिए व्यापारी ट्रक यूनियन से संपर्क स्थापित कर रहे हैं। पुलवामा हमले के बाद भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय संबंधों के टूट जाने के बाद बंद हुए व्यापार के कारण आईसीपी में काम करने वाले 1400 कुलियों को लगभग 9 माह के बाद काम नसीब हुआ है। इसी तरह अफगानिस्तान से आने वाले प्याज ने बंद पड़े ट्रक यूनियन के दफ्तर का बंद पड़ा ताला भी खोला है। याद रहे कि अफगानिस्तान का प्याज मोटा होता है। अफगानी प्याज और भारतीय प्याज के स्वाद में अंतर भी होता है। देश में प्याज की फसल बाढ़ में बह जाने के बाद किल्लत आ गई है। जानकारी के मुताबिक भारतीय व्यापारी थोक मंडियों में भेजे गए प्याज की बिक्री पर नजर रख रहे हैं। यदि अफगानिस्तान के प्याज की बिक्री ठीक रही तो भारतीय व्यापारी अफगानिस्तान से प्याज का आयात करेंगे।