5 हजार श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
रोजाना केवल 5000 श्रद्धालु ही दर्शन कर सकेंगे। रोज आने वाले पांच हजार श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो इसके लिए पाकिस्तान सरकार ने अपने टर्मिनल में 76 इमिग्रेशन केंद्र की स्थापना की है। यहां 169 अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। जो किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा नहीं आने देंगे यह जानकारी पाकिस्तान सरकार ने एसजीपीसी अधिकारियों को दी है ।
लंगर भी लगेगा
इसमें बताया गया है कि करतारपुर कॉरिडोर 824 एकड़ भूमि में फैला है। इसमें 104 एकड़ भूमि में गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब परिसर की है। गुरुद्वारा साहिब का मुख्य भवन व उसके आसपास 42 एकड़ की भूमि में निमाज़्ण कार्य किए गए हैं। जिसे देख कर श्रद्धालु बाग बाग हो जाएंगे पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारा साहिब से कुछ ही दूरी पर 26 एकड़ भूमि में खेती शुरू कर दी है। यहां पैदा होने वाली सब्जियां लंगर में प्रयोग की जाएंगी। उसमें लगने वाले सेवादार पाकिस्तान सरकार अपनी ओर से रखेगी।
लंगर के लिए खेती
इसी जमीन पर माल्टा, नींबू और अमरूद के पौधे भी लगाए गए हैं। गुरुद्वारा परिसर में कोर्ट यार्ड, बारादरी, लंगर हाल और यात्री निवास का निर्माण किया गया है। लंगर हॉल में एक साथ दो हजार से अधिक श्रद्धालु एक साथ लंगर छक सकेंगे। एक हजार से अधिक कमरों के यात्री निवास में सभी सुविधाएं होगी। पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए रावी नदी के ऊपर 800 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया है। ताकि बाढ़ के दौरान भी श्रद्धालु की आवाजाही में कोई परेशानी ना आए।
बैटरी बसों का इंतजाम
डेरा बाबा नानक से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को भारतीय सीमा से 270 मीटर ही पैदल चलना पड़ेगा। पाकिस्तान सरकार ने सीमा से श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब तक पहुंचाने के लिए बैटरी से चलने वाली बसों का इंतजाम किया है। दर्शनों के लिए रखी 20 डॉलर की फीस भरने के बाद श्रद्धालुओं को एक रसीद भी दी जाएगी जो यात्रा का आधार होगी।