पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कराची शहर निवासी इमरान कुरैशी वर्ष 2004 में भारत आया था। यहां आकर उसने अपने मामा की लडक़ी के साथ निकाह कर लिया। शादी के कुछ समय बाद उसने हमेशा के लिए भारत में रहने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज तैयार करने का प्रयास किया। वह भोपाल में पासपोर्ट बनवाने के लिए गया। जहां नकली पैन कार्ड व राशन कार्ड बनवाने के आरोप में मध्य प्रदेश पुलिस ने इमरान कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया।
अदालत ने इमरान को दस साल की सजा सुनाई। गत दिवस भोपाल की जेल से इमरान की रिहाई हुई थी। रिहाई के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने देर रात उसे ट्रेन से लेकर अमृतसर पहुंची। बुधवार को बाघा सीमा पर बीएसएफ के अधिकारियों ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे वापस उसके मुल्क भेज दिया। पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले इमरान ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि उसका परिवार भारत में रह गया है। अब वह कानून के माध्यम से परिवार को पाकिस्तान लेकर जाने अथवा खुद दोबारा भारत में आकर बसने का प्रयास करेगा।