अंग्रेजों को भगाने में सब एक थे
गुरजीत कौर ने विशेष तौर पर समारोह में शिरकत करते हुए कहा कि ‘जब शहीदों के अथक प्रयासों के चलते अंग्रेजों को भगाने में हम कामयाब हुए तो कोई पाकिस्तानी-हिंदुस्तानी, हिंदू या मुसलमान अलग-अलग नहीं थे, सब भारतवासी थे। यह बात गुरजीत कौर ने पूछे गए सवाल पर कही, जो पाकिस्तान के एक वकील द्वारा शहीद भगत सिंह को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग संबंधी पूछा गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग शहीद भगत सिंह को अपना मानते हैं, पर हमारी सरकार नहीं।
सरकारें आई और गई पर शहीद का दर्जा नहीं दिया
फिरोजपुर पहुंची शहीद भगत सिंह की भानजी गुरजीत कौर ने कहा कि देश में बहुत सी सरकारें आई, मगर किसी ने भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिया। क्यों नहीं इस देश की सरकारों को शहीद की शहादत की याद आई। उन्होंने पाकिस्तान के एक एडवोकेट की ओर से भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शहीद भगत सिंह को भारत रत्न अवार्ड दिए जाने की मांग के सवाल पर कहा, ‘मुझे अफसोस है कि हमारे देश की सरकारों ने तो भगत सिंह को शहीद का दर्जा तक नहीं दिया, वहीं मुझे खुशी है कि पाकिस्तान के लोग भगत सिंह को अपना शहीद मानते हैं।
पाकिस्तान में भी होता है समारोह
उन्होंने बहुत बढिय़ा काम किया है कि भगत सिंह को भारत रत्न दिलाने के लिए मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि जब देश का विभाजन हुआ तो देशभक्तों का कोई धर्म नहीं था, सभी देशभक्त थे। देशभक्तों की इतनी कद्र है कि वहां आज भी उन्होंने शहीद भगत सिंह का जन्मदिन मनाया है। उन्होंने कहा कि हमे भी मांग उठानी चाहिए कि भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाए व भारत रत्न दिया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा कि पाकिस्तान की ओर से भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग उठाई गई है। सरकार की ओर से यह दर्जा देना कोई अहसान नहीं है, क्योंकि वह केवल हमारे शहीद नहीं है। वह देश के शहीद हैं इसलिए सरकार को भगत सिंह को शहीद का दर्जा देना चाहिए।
लाहौर में धूमधाम से मना भगत सिंह का जन्मदिन
शहीद भगत सिंह मैमोरियल फाऊंडेशन की ओर से लाहौर हाईकोर्ट के डेमोक्रेटिक लोन में शहीद भगत सिंह का जन्मदिन मनाया गया। चेयरमैन इम्तियाज रशीद कुरैशी ने अपने साथियों सहित यह जन्मदिन मनाया। इस मौके पर अपनी बात रखते हुए चेयरमैन इम्तियाज रशीद कुरेशी में कहा कि हमने इस्लामाबाद में भारतीय उचायोग में डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव आहलुवालिया को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पत्र भेज कर मांग की कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह को भारत सरकार देश के सर्वोच्च असैनिक सम्मान भारत रत्न से नवाजे।साईकिल से यात्रा कर दी श्रद्धांजलि
उधर फिरोजपुर के साइकलिस्ट सोहन सिंह सोढी साइकल से शहीद भगत सिंह के नवांशहर स्थित जन्मस्थान खटकड़ कलां से मिट्टी लेकर फिरोजपुर पहुंचे। यहां हुसैनीवाला शहीद स्मारक पर इस मिट्टी से शहीद भगत सिंह को समर्पित पौधा लगाया गया।
एसजीपीसी केन्द्र को लिखेगी पत्र
गौरतलब है कि पिछले दिनों शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए केेंद्र सरकार को पत्र लिखने का निर्णय लिया था। एसजीपीसी ने इस बात पर भी ऐतराज जताया था कि भगत सिंह को अभी तक सरकारी रिकार्ड में आंतकी क्रांतिकारी बताया जा रहा है। हालांकि एसजीपीसी के इस निर्णय पर भी सवाल उठे कि यह एक धार्मिक संस्था है, क्या इसे राजनीतिक मामलों में दखंलदाजी करनी चाहिए।