याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि याचिका में गलत तथ्य पेश किए गए है। याचिका में हादसे पर कोई एफआईआर दर्ज न होने की बात कही गई है जबकि एफआईअर पिछले 19 अक्टूबर को ही दर्ज की गई थी। साथ प्रतिवादी के रूप में जिन्हें विधायक व पार्षद बताया गया है वे अभी इस स्थिति में नहीं है।
रावण दहन समारोह में मुख्य अतिथि रहीं पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू को मामले में पक्षकार बनाने की याचिका में की गई मांग पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए पूछा कि मुख्य अतिथि रहे व्यक्ति का हादसे में क्या दोष है? सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सत्तर फीसदी घायलों का सरकार की ओर से मुफ््त इलाज कराया जा रहा है। प्रत्येक घायल को 50 हजार रूपए राहत राशि के दिए गए है। हादसे में मृत 58 लोगों के परिवारों को प्रत्येक को पांच लाख रूपए के हिसाब से मदद दी गई है।