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पंजाब में करदाताओं पर लगा प्रोफेश्नल टैक्स

locationअमृतसरPublished: Mar 25, 2018 09:47:14 pm

पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दूसरे बजट प्रस्तावों में आयकरदाताओं पर हर महीने के हिसाब से प्रोफेश्नल टैक्स लगा दिया गया है।

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चंडीगढ़। पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दूसरे बजट प्रस्तावों में आयकरदाताओं पर हर महीने के हिसाब से प्रोफेश्नल टैक्स लगा दिया गया है। आयकरदाताओं को हर महीने 200 रुपए का टैक्स देना पड़ेगा। इससे उनकी जेब पर सालाना 2400 रुपए का बोझ पड़ेगा। वहीं प्रदेश सियासत में बड़ा विषय बने हुए किसानों की कर्ज माफी के बड़े मुद्दे को थामने के प्रयास के लिए 4250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पिछले साल कर्जमाफी के लिए 1500 करोड़ रुपए रखे गए थे।


पंजाब का वार्षिक बजट शनिवार को राज्य विधानसभा में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने पेश किया। उन्होंने कृषि, बिजली, एजूकेशन, हैल्थ, सड़कें, बुनियादी आधारभूत तंत्र को मजबूत करने, आईटी समेत विभिन्न सेक्टरों पर फोकस करते हुए बजट में प्रावधान किए गए वहीं कुछ एेलान भी किए गए।

उनके बजट भाषण के दौरान विपक्ष ने कर्जमाफी के मुद्दे पर शोरगुल करते हुए सदन से वॉकआऊट किया और इस तरह शुरुआती व्यवधान के बाद विपक्ष की गैरमौजूदगी में वित्त मंत्री ने बजट पेश किया। उल्लेखनीय है कि कैप्टन अमरिंदर सरकार का पिछला बजट 1,18,237 करोड़ का था। वित्त मंत्री ने सरकार का दूसरा बजट पेश करते हुए बताया कि जब सत्‍ता संभाली थी तब 30584.11 करोड़ का कर्ज विरासत में मिला था। उन्होंने बताया कि पंजाब पर 31 मार्च तक अब कुल कर्ज 195978 करोड़ कर्ज है।


बजट प्रस्तावों के मुताबिक इस बार घाटा पिछले साल के मुकाबले काफी कम हुआ है। उन्होंने कुल 129698 करोड़ का बजट पेश किया है। इसमें 4175 करोड़ रुपये का घाटा है। बजट में पराली की समस्या को खत्म करने के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है। पराली जलाने के मामले में आलोचनाओं से घिरे पंजाब में इससे निपटने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।


बजट प्रस्तावों में जहां कपूरथला में 13 करोड़ रुपए की लागत से कैटल फीड प्लांट लगाने का एेलान किया गया वहीं स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लुधियाना, अमृतसर व जालंधर के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया है। इसी तरह एसएएस नगर में नया मेडिकल कॉलेज खोलने के एेलान के साथ प्रदेश में अन्य दो जगह मेडिकल कॉलेज खोलने का एेलान किया गया। बजट प्रस्तावों में राज्य के डेंटल कॉलेजों के तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रावधान भी किए गए हैं।


वित्त मंत्री ने बजट प्रस्ताव पढ़ते हुए सदन को बताया कि राज्‍य में 2017.18 में प्रति व्यक्ति आय 142958 हो गई है। वर्ष 2016-17 में यह 131112 रुपये थी। राज्‍य में प्र‍ति व्‍यक्ति 30583.11 का कर्ज है। उन्‍होंने कहा कि सरकार का वर्ष 2016-17 में वित्तीय ख़र्च 55296 था और यह 2017-18 में बढ कर 71182 हो गया। कर्मचारियों और उनकी सेवामुक्ति पर 13 फीसदी ख़र्च बढ़ा। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल बजट घाटा करीब 10000 करोड़ रुपए था जो इस बार घटकर 4175 कराेड़ रुपये हाे गया है।


बजट-एक नजर
-कुल बजट- 129698 करोड़।
-बजट का वास्तविक आकर- 102198 है।
-2018-19 में 16946 करोड़ अतिरिक्त राजस्व आने की उम्मीद।
-कुल प्राप्तियां 122923 करोड़ होने की संभावना।
– बजट का घाटा 4175 करोड़ है। पिछली बार यह 10,000 करोड़ था।
– ब्याज देनदारी 2017-18 के 15175 करोड़ रुपये के मुकाबले 2018-19 में 16260 करोड़ होगी।
-पंजाब पर कर्ज- 211253 करोड़


बजट में यह भी उठाए कदम
बजट प्रस्तावों में हायर एजूकेशन के तंत्र को मजबूत करने के लिए 1597 अतिरिक्त क्लास रूम बनाने का एेलान गया है वहीं उद्योगों को बिजली में सब्सिडी के लिए 1440 करोड़ रुपए रखे गए हैं। नेशनल हाईवे पर ट्रॉमा सेंटर, सड़कों के सुदृढ़ीकरण, सीमावर्ती जिलों में विकास के लिए बजट, पिछड़ी श्रेणी के छात्रों को तकनीकी व प्रोफेश्नल एजूकेशन में कोटा 5 से बढ़ाकर 10 करने, एससी व बीसी कैटेगरी के उत्थान के लिए 1235 करोड़ रुपए, नाभा में फोकल प्वाइंट बनाने, श्री गुरु नानक देव जी के 550वे प्रकाश पर्व के लिए 100 करोड़ का प्रावधान, सरकारी स्कूलों में छठी से बारहवीं क्लास तक फ्री सेनेटरी नैपकिन देने के लिए 10 करोड़, स्कूलों में सोलर पॉवर के प्रावधान, स्कूली बच्चों को किताबों के लिए बजट बढ़ाने का एेलान किया गया।


तमाम दिक्‍कतों के बावजूद शानदार बजट पेश किया गया है। इसमें सभी वर्गों का ध्‍यान रखा गया है। बजट पिछली सरकार द्वारा दी गई खराब अर्थव्यवस्था को दूर कर प्रदेश को चहुमुखी विकास की तरफ लेकर जाएगा। –(कैप्टन अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री पंजाब)

-बजट किसान विरोधी, दलित विरोधी, युवा विरोधी और कर्मचारी विरोधी है। इससे पूरे प्रदेश को निराशा हाथ लगी है। सरकार अपने वायदे पूरे करने में विफल साबित हो रही है।-सुखबीर सिंह बादल, अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल)

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