इस प्रोजैक्ट के तहत केवल उन नशेडिय़ों का उपचार किया जाएगा जो स्मैक,अफीम व हैरोइन आदि का नशा कर रहे हैं। इसके लिए पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम को तैयार किया जा रहा है। यही नहीं राज्य सरकार अगले सप्ताह से ओट प्रोजैक्ट को सीमावर्ती जिला तरनतारन, अमृतसर व मोगा से शुरू करने जा रही है। इस प्रोजैक्ट का हिस्सा बनने वाले चिकित्सकों को अमृतसर में विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही राज्य सरकार नशीले पदार्थों के कारोबार को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। प्रदेश सरकार ने नशों की तस्करी को रोकने के लिए तो एसटीएफ का गठन कर रखा है लेकिन अब नशेडिय़ों को नशा मुक्त बनाने की दिशाा में काम शुरू हो चुका है। प्रदेश सरकार मिली रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सीमावर्ती जिलों में इस समय युवाओं द्वारा सबसे अधिक स्मैक, अफीम आदि का इस्तेमाल करते हैं।
जिसके चलते सरकार ने राज्य के 22 जिलों में उपमंडल स्तर पर चल रहे अस्पतालों व समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओट सेंटर शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना को शुरू करने से पहले करवाए गए सर्वे में पता चला है कि राज्य में करीब दो लाख 32 हजार नशेड़ी ऐसे हैं जो इस समय गंभीर किस्म के नशों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हीं को आधार बनाकर सरकार ने अपनी योजना शुरू करने का फैसला किया है।
स्कूलों में भी चलेगा अभियान
पंजाब सरकार द्वारा नशा मुक्त अभियान के साथ स्कूली विद्यार्थियों को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए राज्य के सभी सरकारी, गैर सरकारी, निजी स्कूलों के एक या दो अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उक्त अध्यापक अपने स्कूल में रोजाना होने वाली सुबह की सभा में विद्यार्थियों को भाषण आदि के माध्यम से नशों की तरफ न जाने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके अलावा प्रत्येक कक्षा में तीन से चार विद्यार्थियों का एक समूह बनाया जाएगा, जो अपने सहयोगियों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगा।