अमृतसर में शुक्रवार शाम रेल लाईन पर खडे रहकर रावण दहन देख रहे लोगों के डीएमयू ट्रेन की चपेट में आने 61 लागों की मृत्यु हो गई। हादसे में करीब 80 लोग घायल हुए हैं। नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार सुबह घायलों से मिलने अमृतसर के गुरुनानक देव अस्पताल पहुंचे
इस मौके पर सिद्धू ने कहा कि ट्रेन ने हॉर्न नहीं दिया इसलिए लोग रेल लाईन से नहीं हटे। उन्होंने कहा कि इस हादसे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। गुरुनानक देव अस्पताल में सिद्धू ने घायलों से मुलाकात की और उनके परिजनों को ढांढस बंधाया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में सिद्धू ने कहा, यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है। जिनका जीवन चला गया उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, इस वक्त सबको मिलकर घायलों को सहायता देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री केप्टेन अमरिंदर सिंह ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। हादसे के बाद सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पर आरोप लगे थे कि वे समारोह में मुख्य अतिथि थीं और हादसे के वक्त मौके पर मौजूद थीं और तुरन्त वहां से चली गईं। बाद में उन्होंने खुद भी इसका खंडन किया था। इस पर सिद्धू ने कहा, ये आरोप गलत हैं, मेरी पत्नी मरीजों के साथ थी, रात में उससे बात हुई थी। वह घर पहुंचने वाली थीं जब उन्हें हादसे का पता चला, फौरन वे वापस अस्पताल गईं।