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पाकिस्तान से आ रहे बेवफा ‘घुसपैठिए’, उर्दू में लिखा है संदेश, जानिए क्या है मामला

locationअमृतसरPublished: Dec 09, 2019 09:02:15 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारतीय सीमा के पास के इन दिनों एक नए प्रकार का ‘घुसपैठिया’ आए दिन आ रहा है। इनके पैरों में लिखे उर्दू संदेश परेशानी का सबब…

पाकिस्तान से आ रहे बेवफा 'घुसपैठिए', उर्दू में लिखा है संदेश, जानिए क्या है मामला

पाकिस्तान से आ रहे बेवफा ‘घुसपैठिए’, उर्दू में लिखा है संदेश, जानिए क्या है मामला

अमृतसर. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारतीय सीमा के पास के इन दिनों एक नए प्रकार का ‘घुसपैठिया’ आए दिन आ रहा है। इनके पैरों में लिखे उर्दू संदेश परेशानी का सबब बन रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तानी कबूतरबाज अपने कीमती और दुर्लभ प्रजातियों के कबूतरों की ‘बेवफाई’ से काफी परेशान हैं। उनके इन कबूतरों में से कई तेज हवा के साथ उड़ते हुए भारत चले जाते हैं और फिर या तो उन्हें भारत पसंद आ जाता है या फिर वे रास्ता भूल जाते हैं और लौटकर पाकिस्तान नहीं जाते। इससे पाकिस्तानी कबूतरबाजों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इनसानों की बनाई सरहद को यह परिंदे नहीं मानते और नतीजा यह होता है कि कुछ मामलों में लाख रुपए तक की कीमत के कबूतर को उसे पालने वाला खो बैठता है। पाकिस्तानी न्यूज चैनल ‘एक्सप्रेस न्यूज’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सीमा के पास के इलाकों वाघा, भानुचक, नरोड, लवानवाला व कई अन्य जगहों में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें कबूतर पालने का और कबूतरबाजी का शौक है। अपने इस शौक को पूरा करने के लिए यह लोग बहुत कीमती कबूतर भी पालते हैं। इनमें ऐसे कबूतर भी होते हैं जिनकी कीमत एक लाख रुपए या इससे भी अधिक होती है। कई दफा ऐसा होता है कि यह अपनी छतों से अपने जिन कबूतरों को उड़ाते हैं, वे सरहद पार कर भारत चले जाते हैं। कई तो वापस लौटकर अपनी छत पर आ जाते हैं, लेकिन कई ऐसे भी हैं जो नहीं लौटते। रेहान नाम के कबूतरबाज ने कहा कि मेरे पास सैकड़ों कबूतर हैं जिनमें से कई की कीमत एक-एक लाख रुपए तक है। मैं इन्हें अपने बच्चों की तरह पालता हूं। उस वक्त बहुत दुख होता है जब मेरे कबूतर थोड़ी ही दूरी पर मेरे सामने ही सीमा पार कर जाते हैं और फिर नहीं लौटते। कई दफा हवा बहुत तेज होती है जिससे कबूतर भारतीय सीमा में दूर तक चले जाते हैं। पाकिस्तानी कबूतरबाजों ने यह भी बताया कि कई बार भारत के कबूतर भी उनकी छतों पर आकर बैठ जाते हैं और फिर यहीं टिक जाते हैं। इन महंगे कबूतरों के परों में मुहर लगाई जाती है, इनके पैरों में खास निशान वाले छल्ले पहनाए जाते हैं ताकि पहचान हो सके। ‘एक्सप्रेस न्यूज’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से जाने वाले इन कबूतरों को कई बार जासूस समझ लिया जाता है।

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