53 दिन में हुई उम्रकैद की सजा
मुकदमा दर्ज होते ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इस मुकदमे की विवेचना दरोगा सुक्रमपाल राणा ने की। उन्होंने साक्ष्य और सबूत जुटाकर 14 दिन के भीतर आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। जिसके बाद न्यायालय ने 29 मार्च को पहली ही सुनवाई पूरी कर मुकदमे को सीधा ट्रायल पर ले लिया। शनिवार को न्यायालय ने मुकदमे में सुनवाई की और आरोपी सुशील कुमार को दोषी करार दिया। साथ ही उम्रकैद की सजा सुनाई और 80 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मुकदमा दर्ज होते ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इस मुकदमे की विवेचना दरोगा सुक्रमपाल राणा ने की। उन्होंने साक्ष्य और सबूत जुटाकर 14 दिन के भीतर आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। जिसके बाद न्यायालय ने 29 मार्च को पहली ही सुनवाई पूरी कर मुकदमे को सीधा ट्रायल पर ले लिया। शनिवार को न्यायालय ने मुकदमे में सुनवाई की और आरोपी सुशील कुमार को दोषी करार दिया। साथ ही उम्रकैद की सजा सुनाई और 80 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।