दरअसल, यह घटना अमरोहा के आदमपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है। जहां से 20 फरवरी 2019 को एक किसान की नाबालिग बेटी लापता हो गई थी। इस मामले में लापता लड़की के भाई ने पांच लोगों के खिलाफ बहला-फुसला कर ले जाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन इसके बावजूद लड़की बरामद नहीं हुई। मामले को गंभीरता से लेते तत्कालीन एसपी डाॅ. विपिन ताडा ने विवेचना आदमपुर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार शर्मा को सौंप दी। उन्होंने मई 2019 में मामले का अनोखा खुलासा करते हुए पिता-भाई और रिश्तेदार पर ही गोली मारकर हत्या करने और शव को गंगा में बहाने के लिए आरोपी बना दिया। इतना ही नहीं प्रेस कांफ्रेंस में मृतका के कपड़े, तमंचा और कारतूस की बरामदगी भी दिखा दी। इसके बाद तीनों को जेल भेज दिया।
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करवाचौथ के दिन ही उजड़ा मांग का सिंदूर, पहले पत्नी से कही ये बात फिर पति ने दे दी जान डेढ़ साल बाद जीवित मिली बेटी 7 अगस्त 2020 को बेटी जीवित मिली थी। उसने प्रेमी से विवाह कर लिया था और उनके एक बेटा भी था। बेटी के जिंदा मिलने के बाद पुलिस की खूब किरकिरी हुई। इस मामले में तत्कालीन एसपी ने कोतवाल अशोक शर्मा को सस्पेंड कर दिया। वहीं, अदालती कार्रवाई के बाद तीनों को जेल से रिहा कर दिया गया था। जेल से छूटने के बाद पीड़ित ने प्रभारी निरीक्षक समेत 14 पुलिसकर्मियों के खिलाफ याचिका दायर की थी। अब अदालत के आदेश पर इस मामले में प्रभारी निरीक्षक समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।