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दरअसल, मंडल की चीनी मिलों पर 5000 करोड़ रुपए के बकाया को लेकर किसान संगठनों ने मंगलवार को रेल ट्रैक जाम करने का आव्हान किया था। इसके साथ ही प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर दोपहर 2:00 बजे तक उनके बकाए का भुगतान ब्याज के साथ नहीं हुआ तो वह रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लेंगे, लेकिन स्थानीय प्रशासन किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाया। जिसके बाद किसान यूनियन के नेता चौधरी हरपाल सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए और अगवानपुर स्टेशन पर कब्जा जमा लिया।
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रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने अधिकारियों की बात भी नहीं मानी। मौके पर पहुंचे तहसीलदार से किसान नेता हरपाल सिंह ने कहा कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गंगा जी में खड़े होकर कहा था कि इस बार गन्ने का भुगतान हर हाल में 30 नवंबर तक हो जाएगा, जिन्होंने भुगतान नहीं किया उन्हें सीधे जेल भेजा जाएगा। बावजूद इसके मुख्यमंत्री के वादे के दो महीने के बाद अभी तक किसानों को न तो इस बार का बकाया और न पिछला बकाया मिला है। से में कैसे यकीन किया जाए कि अगले 15 दिन में भुगतान मिल जाएगा। इसलिए किसान उस वक्त तक ट्रैक से नहीं हटेंगे, जब तक उन्हें पूरा बकाया और पिछला बकाया नहीं मिल जाता। यही नहीं किसान नेताओं ने अपने गांव और घरों में भी खबर भेज दी है कि वह खाना और जानवर भी रेलवे ट्रैक पर लेकर आ जाएं। किसानों का कहना है कि स्थानीय जिला प्रशासन की कोई भी अधिकारी नहीं आया और न ही चीनी मिल प्रबन्धन किसानों से मिलने आया। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। रेल यातायात पूरी तरह ठप है।