दरअसल, अमरोहा देहात थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एक महिला ने बताया कि वह 7 सितंबर 2018 सरकारी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राजोरिया से नौकरी को लेकर मिली थी। उन्होंने उस दौरान उसे सफाईकर्मी के रूप नौकरी लगाने की बात कहते हुए डेढ़ सौ रुपये प्रतिदिन वेतन दिलाने की बात कही थी। महिला ने बताया कि उसे अगले दिन साक्षात्कार के लिए अस्पताल में बुलाया गया। जब वह डॉ. राजोरिया के पास पहुंची तो वह उसे अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राम अवतार गौतम के पास ले गए। यहां से दोनों चिकित्सकों ने उसे बहलाया और अपनी कार में बिठाकर शेरपुर के जंगलों में ले गए।
महिला ने बताया कि जंगल में दोनों चिकित्सकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। जब उसने इसका विरोध किया तो उन्होंने कपड़े फाड़ दिए। साथ ही किसी बताने या पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद वह पुलिस के पास शिकायत करने पहुंची तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं करते हुए उसे टरका दिया। पुलिस कार्रवाई नहीं होते देख पीड़िता ने अदालत में न्याय की गुहार लगाई।
बता दें कि अदालत के आदेश पर मंगलवार को चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. राम अवतार गौतम व डाॅ. राजोरिया के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वहीं इस मामले में आरोपी चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. राम अवतार गौतम का कहना है कि उन्हें झूठे केस में फंसाने की साजिश की जा रही है। वह उस महिला को जानते भी नहीं है। उसके आरोप पूरी तरह निराधार हैं।