दरअसल, सिराजुद्दीन अमरोहा कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शाही चबूतरा में परिवार के साथ रहते हैं। सिराजुद्दीन के पास यूपी 23 वाई 3296 नंबर का एक स्कूटर है। सिराजुद्दीन ने बताया कि उनके घर 9 दिसंबर को पुलिस ने चालान भरते का नोटिस भेजा था। इसके साथ ही उनके मोबाइल पर भी चालान का मैसेज आया। चालान देख वह हैरान रह गए, क्योंकि वह चालान 30 नवंबर को शाम 5.09 पर काटा गया था। उनका दावा है कि वह 30 नवंबर को स्कूटर लेकर घर से बाहर भी नहीं निकले थे। मजे की बात ये है कि ट्रैफिक पुलिस ने उनके स्कूटर का चालान सीट बेल्ट नहीं लगाने के आरोप में काटा है। चालान शुल्क 500 रुपये लिखा गया है।
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घर चालान पहुंचने से सिराजुद्दीन बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि उन्होंने जिसको भी चालान दिखाया वह हैरान रह गया। उनका आरोप है कि वह इस संबंध में सीओ सदर के अलावा सीओ ट्रैफिक के कार्यालय भी गए, लेकिन वहां भी कोई राहत नहीं मिली। सिराजुद्दीन कहते हैं कि पुलिसकर्मी चालान भरते की बात कह रहे हैं। अब सवाल ये है कि क्या अब अमरोहा में दोपहिया वाहन चालकों को भी सीट बेल्ट लगानी होगी। इस संबंध में जब सीओ सदर अजय कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि यह तकनीकी समस्या के चलते हुआ होगा। सिस्टम में हेलमेट के स्थान पर सीट बेल्ट लिख गया होगा। पीड़ित व्यक्ति कार्यालय आकर इस मामले की जांच करा सकता है। नियमानुसार ही कार्रवाई की जाएगी।