ये है पूरा मामला
10 जुलाई 2016 की वारदात अमरोहा देहात थाना क्षेत्र के एक गांव की थी। इस गांव में एक चौकीदार का परिवार रहता है। एफआईआर के मुताबिक पड़ोस में रहने वाला शौकीन पानी लेने के बहाने चौकीदार के घर पहुंचा था। साथ में गांव निवासी शफीक भी था। दरवाजा खुलते ही दोनों ने चौकीदार की बेटी का अपहरण कर लिया और जबरन कार में डालकर अपने साथ ले गए। कार में पहले से रोहित और माजिद बैठे थे। युवती को कैलसा बॉर्डर के पास एक गन्ने के खेत में ले जाकर रिवाल्वर दिखाकर जान से मारने की धमकी दी गई। शौकीन और शफीक युवती को रोहित और माजिद के हवाले कर वहां से चले गए। माजिद और रोहित ने युवती के साथ दुष्कर्म किया। अगले दिन सुबह में खेत के पास रहने वाली युवती तनु ने पीड़ित युवती को बहला-फुसलाकर अपने घर ले जाने के बाद बंधक बना लिया। रोहित और माजिद ने इस घर में भी उसके साथ गैंगरेप किया। इतना ही नहीं बाद में तनु ने पीड़िता को पंजाब निवासी एक व्यक्ति को तीन लाख रुपये में बेच दिया।
12 जुलाई को युवती को पंजाब भेजा जाना था। लेकिन परिजनों के दबाव के चलते आरोपी खुद ही पीड़िता को लेकर उसके घर पहुंच गए। परिजनों की मौजूदगी में भी युवती के साथ मारपीट की गई। किसी को भी वारदात की जानकारी देने पर पूरे परिवार को अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। थाना स्तर पर सुनवाई नहीं होने से आहत पीड़िता ने तत्कालीन एसपी से शिकायत की। मामले में एसपी के आदेश पर पुलिस ने शौकीन, शफीक, माजिद, रोहित व तनु के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
विवेचना में पुलिस ने शौकीन व शफीक का नाम निकाल दिया, जबकि बाकी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान किया। केस की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष एससी-एसटी एक्ट हेमलता त्यागी की कोर्ट में चल रही थी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार सक्सेना ने मजबूत पैरवी की। बुधवार को कोर्ट में केस की अंतिम सुनवाई हुई। पत्रावली के अवलोकन व साक्ष्य पर कोर्ट ने माजिद, रोहित व तनु को दोषी करार दिया। माजिद को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 47 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही रोहित व तनु को 20-20 साल जेल की सजा के साथ 37 व 32 हजार रुपये की जुर्माने की सजा सुनाई।