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शक पर परिजनों ने पूछताछ की
राज्य की ओर से रामनरेश गिरि जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा पैरवी की गई। जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया गया कि घटना 17 मार्च 2017 व 21 मार्च 2017 की है। जिसमें द्वितीय घटना में आरोपी ने पीडि़ता के घर आकर तुझे मेरी बहन बुला रही है की बात कह अपने घर बुलाया था, जहां किशोरी के साथ आरोपी द्वारा ज्यादती की घटना को अंजाम दिया गया। घटना की जानकारी छह माह बाद उस समय उसके पारिवारिक सदस्यों को तब हुई जब उसकी बुआ ने पेट के आकार को देखते हुए शक के आधार पर पूछताछ की।
प्रेग्नेन्सी टेस्ट में गर्भ ठहरने की पुष्टि हुई
प्रेग्नेन्सी टेस्ट किट में गर्भ ठहरने की पुष्टि हुई। इसके बाद घटना की शिकायत आरोपी के विरूद्ध दर्ज कराई गई। पुलिस द्वारा जांच व विवेचना उपरांत प्रकरण को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिसमें 20 साक्षियों के कथन कराए गए। न्यायालय द्वारा प्रकरण में आए साक्ष्यों एवं तर्क के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध मानते हुए उपरोक्त दंड से दंडित किया।
न्यायालय के निर्णय को सराहा
शहर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने न्यायालय के निर्णय को सराहनीय बताया है। लोगों ने कहा कि कोर्ट के इस निर्णय से इस तरह की वारदात को अंजाम देने वालों को सबक मिलेगा। कोई भी इस तरह का गलत काम करने के लिए कई बार सोचेगा। न्यायालय का निर्णय इसलिए भी सराहनीय है कि जिले में इस समय दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ गई है। इससे बाकी दोषियों को भी इसी प्रकार की सजा मिलने की उम्मीद की जा सकती है।