अनूपपुर। मप्र के जैतहरी जनपद पंचायत के वेंकटनगर सीमा और छत्तीसगढ़ को जोडऩे वाली अंतरराज्यीय तिपान नदी पुल अब विभागीय उदासीनता में गड्ढे की दरार में क्षतिग्रस्त होने की कगार पर पहुंच गई है। सीमा पार होने के कारण इस पुल पर वाहनों की २४ घंटे आवाजाही बनी रहती है। लेकिन विभाग इस पुल के मरम्मती पर ज्यादा गम्भीर नहीं है। ऐसा नहीं कि खबरों के बाद विभागीय अमला मेंटनेंश के लिए नहीं आता, लेकिन उनके द्वारा ढाला गया सीमेंट का मसाला एकाध दिनों बाद धुर्रे में बदल कर पुल पर बिखर जाता है। इस गड्ढे से बचने तेज रफ्तार की एम्बुलेंस वाहन भी रैलिंग से टकराकर नदी में गिरने से बाल बाल बच गई। लेकिन हालात यह है कि टूटी रैलिंग के सुधार के लिए भी विभाग के पास समय नहीं है। लोगों का कहना है कि अगर यह पुल क्षतिग्रस्त होता है तो दोनों प्रदेशों की ओर से आवाजाही बंद हो जाएगी। बॉक्स: २५० फीट लम्बा ४० साल पुराना है पुल वेंकटनगर से 2 किमी दूर वेंकटनगर-अनूपपुर मुख्य मार्ग पर वर्ष 1980 में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह द्वारा बिलासपुर मुख्यालय को शहडोल संभाग से जोडऩे के उद्देश्य तिपान नदी पर पुल की आधारशिला रखी थी। जिसका निर्माण कार्य दो वर्ष में पूरा करते हुए वर्ष 1982 में पुल का उद्घाटन किया गया था। इसके बाद लगातार इन 3९ वर्षों में पुल के ऊपर से कई बार सडक़ों का सुधार कार्य कराया गया है। लेकिन वर्तमान में अनुपपुर से वेंकटनगर मुख्य मार्ग पर सीसी मुख्य मार्ग का भी निर्माण भी किया गया हैं। लेकिन यहां ठेकेदार ने लगभग 250 फीट लम्बे एवं लगभग 22 फीट चौड़े पुल के ऊपर कोई मरम्मत कार्य नहीं करते हुए उपर से ही ऐसे ही ढाल कर कार्य पूर्ण कर लिया। जिसके बाद वाहनों की आवाजाही में पुल की ऊपरी सतह कई जगहों से उखडक़र क्षतिग्रस्त हो चुकी है। वहीं सडक़ की सतह पर निकले हुए छड़ भी वाहनों के लिए खतरनाक हो गई है। बॉक्स: बाल बाल बचा एम्बुलेंस वाहन, रैलिंग तोड़ अगला पहिया निकल गया था बाहरस्थानीय लोगों के अनुसार पुल पर गहरे गड्ढे से बचने छत्तीसगढ़ की सीमा से वेंकटनगर की ओर आ रही एम्बुलेंस वाहन तेज रफ्तार में रेलिंग को तोड़ती हुई नदी की ओर झूल गई। शुक्र था कि रेलिंग में लगी ओट के कारण एम्बुलेंस का बॉडी उससे रगड़ खाता अटक गया, लेकिन आगे की पहिया नदी की ओर बाहर निकल गई। इसपर ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए विभाग को सूचना दी थी, जिस पर विभाग ने शाम को सीमेंट के मसाले से ढाल करवा दिया, लेकिन अगली ही सुबह ढला गया मसाला गिट्टियों में पुल पर बिखर गया। ग्रामीणों का कहना है कि वेंकटनगर वासियों के लिए छत्तीसगढ़ नजदीक बाजार और स्वास्थ्य उपचार के लिए एक मात्र विकल्प है। जिसके कारण इससे लोगों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। [typography_font:18pt;” >——————————————