script4 years rigorous imprisonment to the accused who took money by cheatin | छल कर पैसा लेने वाले आरोपी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास, 50 हजार रूपए का जुर्माना | Patrika News

छल कर पैसा लेने वाले आरोपी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास, 50 हजार रूपए का जुर्माना

locationअनूपपुरPublished: Dec 02, 2021 09:55:19 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

कबाड स्क्रिप का ट्रेडर दिलाने के नाम से लालच देकर 18.50 लाख रूपए लिया

4 years rigorous imprisonment to the accused who took money by cheatin
छल कर पैसा लेने वाले आरोपी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास, 50 हजार रूपए का जुर्माना
अनूपपुर। जमुना कॉलरी निवासी अशरफी लाल साहू से ट्रेडर दिलाने के नाम पर लाखों रूपए की ठगी करने के मामले में न्यायाधीश ने आरोपी २९ वर्षीय नरेन्द्र पिता प्रमोद उर्फ शिवनारायण शर्मा निवासी कांकड तिलौली थाना आसीन भीलवाडा राजस्थान हाल निवास लालपुर हर्री गौरेला जिला बिलासपुर छग को छल करने का दोषी पाते हुए 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 50 हजार रूपए जुर्माने के दंड का आदेश पारित किया है। राज्य की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पांडेय ने मामले की पैरवी की। मीडिया प्रभारी अभियोजन राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि अशरफी लाल साहू निवासी जमुना कॉलरी ने कोतवाली थाना अनूपपुर में इस बात की शिकायत की थी कि आरोपी जो वर्तमान में जैतहरी स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी के संचालक द्वारा पावर प्लांट कंपनी जतहरी से लोहे का कबाड स्क्रिप का ट्रेडर दिलाने के नाम से लालच देकर १८.५० लाख रूपए ले लिया है। फरियादी ने अपनी शिकायत में यह भी बताया था कि वह ठेकेदारी का काम करता है और उसका पुत्र विजय कुमार साहू पावर प्लांट में कोयला खाली कराने का काम करता था। उसी दौरान आरोपी से संपर्क हुआ उसने अपने को जय अंबे अर्थ मूवर्स ट्रांसपोर्ट कंपनी स्वयं का कार्यालय बताते हुए पावर प्लांट में कोयला डम्प कराने का ठेके का काम करना बताया और प्लांट में अच्छे संपर्क और पहचान होना भी बताया था। जिसमें कबाड स्क्रिप सस्ते रेट में दिलाने और उसका टेंडर के लिए विभिन्न माध्यमों से अलग-अलग समय में कुल मिलाकर 21 लाख रूपए छल-कपट के द्वारा प्राप्त कर लिया था। वादे के अनुसार न तो टेंडर दिलाया और न तो पैसा वापिस किया। दबाब बनाने पर कुछ पैसा वापिस किया था। पुलिस द्वारा आरेापी के विरूद्व अपराध पंजीबद् कर मामला विचारण के लिए न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां न्यायालय ने यह आदेश पारित किया है।
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