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अनूपपुर

बिना पानी 45 लाख की नलजल योजना खड़ी, 12 हैंडपम्प से बुझ रही 1400 आबादी की प्यास

तीन साल से टंकी में नहीं चढ़ रहा पानी, वार्डो में बिछी पाईप लाईन में जगह जगह लिकेज

अनूपपुरApr 11, 2019 / 08:08 pm

Rajan Kumar Gupta

45 lakh water drainage scheme without water, 14 quarrels of hunger fro

बिना पानी 45 लाख की नलजल योजना खड़ी, 12 हैंडपम्प से बुझ रही 1400 आबादी की प्यास

अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर से २० किलोमीटर दूर जैतहरी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत रक्सा की समस्त १६ वार्ड इस गर्मी में पानी की समस्या से त्रस्त है। पीएचई विभाग द्वारा वर्ष २०१५ में स्थापित की किया गया नलजल योजना पिछले तीन सालों से सूखा पड़ा है। पूरे ग्राम पंचायत में २४ हैंडपम्पों में मात्र १२ हैंडपम्प बंद तथा १२ हैंडपम्प चालू है। इन्हीं १२ हैंडपम्पों से पूरी गांव की लगभग १४०० की आबादी अपनी प्यास बुझा रही है। यानि एक हैंडपम्प से लगभग ९० परिवार पानी भर रहे हैं। ऐसा नहीं कि इन दिनों गर्मी की आहट में यहां पानी का अभाव हो गया है। बल्कि यह समस्या आज से नहीं पिछले तीन सालों से बनी हुई है। पीएचई विभाग द्वारा स्थापित की गई नलजल योजना पिछले तीन सालों सूखी पड़ी है। पानी टंकी में आजतक पानी का चढाव नहीं हो पाया है। पाईप लाईनें जगह जगह क्षतिग्रस्त हालत में गड़ी है। पानी की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों से लेकर ग्रामीणों ने कई बार पीएचई विभाग के अधिकारियों से शिकायत कर इसे सुधार कराने की अपील की। लेकिन कभी किसी अधिकारी ने इन शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। यहां तक मुख्यमंत्री शिकायत सेवा में भेजी गई जानकारी में विभाग ने अपनी तरफ से सुधार लिख गलत जानकारी प्रेषित कर दी। जिसे कारण पिछले तीन सालों से ग्राम पंचायत रक्सा के ग्रामीण १२ हैैंडपम्पों के सहारे अपनी प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पंचायत रक्सा में पीएचई विभाग द्वारा लगभग ४५ लाख की लागत से नलजल योजना को स्थापित किया गया था। इसमें ४५ लाख की लागत से दो बोर पम्प तथा एक पानी टंकी स्थापित करने के साथ पंचायत की समस्त वार्डो में पाईप लाईन बिछाया गया था। लेकिन चालू हुए १० दिनों के बाद भी समस्त वार्डो में जगह जगह बिछी पाईपलाईन में लिकेज की समस्या बन गई। वहीं पानी के दवाब नहीं बन पाने के कारण बोर पम्प का पानी पानी टंकी में नहीं चढ़ पाया। दोनों बोर पम्प के चालू हालत के बाद भी वार्डो में पानी की मात्रा कम पहुंचने लगी, जिसमें अधिक समय तक मोटर चलने के कारण उनमें बार बार जलने की समस्या आने लगी। परिणाम स्वरूप एक बोर पम्प जलकर बेकार हो गए। वहीं दूसरी बोर पम्प से मात्र दो वार्डो ४-५ को जलापूर्ति हुआ। लेकिन यह भी पिछले ५ माह से जलने के कारण बेकार हो गया है। आलम अब यह है कि ४५ लाख की लागत से स्थापित नलजल योजना मात्र १० दिनों तक ही जलापूर्ति के बाद अब ग्राम पंचायत के लिए शोपीस बन गई है।
बॉक्स: तीन सालों से विभाग ने ग्राम पंचायत को नहीं सौंपी जिम्मेदारी
ग्रामीणों के अनुसार पीएचई विभाग ने नलजल योजना में आई खराबी को देखते हुए इससे बचने इस नलजल योजना को सुधार करने की बजाय इसे ग्राम पंचायत को भी हैंडओवर नहीं किया। जब ग्रामीणों द्वारा इसे सुधार और हैंडओवर करने की बात कही गई तो अधिकारी टालमटोल करते रहे। बाद में सालभर तक इसकी सुधी तक नहीं ली। आलम यह है कि पिछले तीन सालों के बाद भी रक्सा नलजल योजना ग्राम पंचायत के जिम्मे नहीं आई। बताया जाता है कि नलजल योजना के बंद के कारण ग्राम पंचायत में संचालित मात्र १२ हैंडपम्पों पर सुबह से ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ती है। इनमें एक हैंडपम्प पर ८०-९० परिवार रोजाना पानी भरते हैं।
बॉक्स: तो प्रशासन के निर्देश भी बेअसर
गर्मी की आहट के साथ ही जिला प्रशासन ने पीएचई अधिकारियों से पानी की समस्या वाले ग्रामों को चिह्नित करते हुए खराब हैंडपम्पों व नलजल योजनाओं को सुधार करने के निर्देश दिए थे। साथ ही जिला योजना समिति की बैठक में प्रतिनिधियों ने विभाग से पानी की समस्या को दूर करवाने की बात रखते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट भी सौंपे जाने के निर्देश दिए थे। लेकिन दोनों संस्थाओं के आदेश पर भी विभाग की अनदेखी हावी रही।
वर्सन:
दो दिनों से अब पीएचई विभाग के कर्मचारी सुधार के लिए पहुंचे हैं। खराबी के बाद कई बार पत्राचार कर विभाग से सुधार की अपील की गई थी। लेकिन अधिकारी ने कोई सुधी नहीं ली। वार्ड की पाईप में लिकेज होने तथा बोरपम्प से पानी टंकी के बीच खराबी आने के कारण पानी आपूर्ति बंद है।
सुरेश कोल, सचिव ग्राम पंचायत रक्सा जैतहरी।
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