जिले के गोदामों में भंडारित 1.20 लाख क्विंटल चावल की 48 सैम्पल फेल 36 पास
13 गोदामों से जांच टीम ने लिए थे 84 सैम्पल, तीन सैम्पल की चावल मवेशियों के खाने लायक
जिले के गोदामों में भंडारित 1.20 लाख क्विंटल चावल की 48 सैम्पल फेल 36 पास
अनूपपुर। जिले में द्वार प्रदाय योजना के तहत लगभग १.५० लाख हितग्राहियों के लिए भंडारित १.२० लाख क्विंटल चावल की जांच रिपोर्ट आ गई है। भारतीय खाद्य निगम की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि जांच टीम द्वारा २ सितम्बर को जिले में लिए गए जिले के १३ गोदामों की ८४ सैम्पल में मात्र ३६ सैम्पल ही पास हो सका है, जबकि ४८ सैम्पल फेल हो गए हैं। ४८ सैम्पल के ६१८९ टन चावल आमनक की श्रेणी में हैं। जबकि इनमें ३ सैम्पल मवेशियों के खाने योग्य बताए गए हैं। असफल चावल की सैम्पल में २२ कोतमा, २४ अनूपपुर और २ पुष्पराजगढ़ गोदामों के बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि विभाग अब अमानक चावल की खेप को वापस मिलर को सौंप उसके बदले दूसरे चावल का भंडारण करेंगे। लेकिन फिलहाल एफसीआई की जांच रिपोर्ट के बाद जिले में हडक़म्प की स्थिति बन गई है। वहीं इन रिपोर्टो के बाद यह सवाल उठने लगे कि आखिर गोदामों में नए भंडारण के दौरान जिले के शासकीय वेयरहाउस में तैनात तीन क्वालिटी इंस्पेक्टर सहित अन्य विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी के बाद भी अमानक चावलों का खेप गोदामों तक कैसे पहुंच गया। क्या मिलर से सीधे गोदामों तक पहुंचने वाले चावल की लॉट की जांच नहीं की गई। या पूर्व की खेल की भांति अमानक चावल के खेप को खपाने में विभागीय अधिकारियों व मिलर्स सहित गोदाम प्रबंधकों ने आने पौने रूप में चावल का भंडारण करवा दिया। जबकि इससे पूर्व मार्च माह के दौरान गोदामों को खाली करने के दौरान कोतमा स्थित निजी वेयहराउस जोगीटोला में अमानक भंडारित १८ हजार क्विंटल चावल की खेप को विभागीय अधिकरियों ने सही चावल की लॉट के साथ मिलाकर कोरोना काल के दौरान तीन माह के वितरण होने वाले खाद्यान्न के साथ बांट दिया था। विदित हो कि जिले के तीन शासकीय गोदामों सहित १० निजी गोदामों में लगभग १.२० लाख क्विंटल चावल का भंडारण किया गया है। जिन्हें जिले के ३१२ शासकीय दुकानों के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले १ लाख ४९ हजार ८८२ परिवारों तक आपूर्ति कराया जाता है।
दरअसल मंडला और बालाघाट में मवेशियों के खाने लायक चावल के वितरण और जांच रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद आनन फानन में प्रदेश सरकार ने २९ अगस्त को प्रदेश के समस्त गोदामों में भंडारित चावल के वितरण पर रोक लगाते हुए सभी गोदामों में भंडारित चावल के सैम्पलिंग के निर्देश दिए थे। जिसमें २ सितम्बर को भारतीय खाद्य निगम की क्वालिटी कंट्रोल की टीम ने जिले के १३ गोदामों से ८४ सैम्पल लिए थे। जिसकी जांच रिपोर्ट में ४८ को अमानक बताया है। साथ ही इनमें तीन सैम्पल को मवेशियों के खाने योग्य बताया है। लेकिन सबसे आश्चर्य की बात है कि इनमें मात्र ३६ सैम्पल ही पास हो सके, पास से डेढ़ गुना फेल।
बॉक्स: पत्रिका ने खाद्यान्न का लेकर जून माह से चलाया था मद्दा
पत्रिका ने जिले में अमानक खाद्यान्नों को लेकर पूर्व में भी अभियान चलाए थे। जिसमें सजहा से राजेन्द्रग्राम वेयरहाउस में आने वाले अमानक खाद्यान्नों पर स्थानीय जनों, विधायकों शिकायतों व अधिकारियों के खाद्यान्नों के वितरण पर रोक के बाद भी खाद्यान्न खपा दिया जाता रहा। वहीं जून माह में जिले के सजहा सहित राजेन्द्रग्राम और जोगीटोला वेयरहाउस में करोड़ों की खराब और चोरी हुए करोड़ों के गेहूं और चावल का मुद्दा भी उठाया था। जिसके बाद अचानक अगस्त माह के अंत में मंडला और बालाघाट का प्रकरण सामने आ गया।
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