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कायाकल्प पर 60 लाख खर्च, जिला अस्पताल में नहीं विशेषज्ञ डॉक्टर

locationअनूपपुरPublished: Dec 14, 2019 08:32:17 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

जिला अस्पताल की स्वीकृत 296 पद , सेवाएं दे रही मात्र 127 डॉक्टर और कर्मचारी

60 lakhs spent on rejuvenation, specialist doctors not in district hos

कायाकल्प पर 60 लाख खर्च, जिला अस्पताल में नहीं विशेषज्ञ डॉक्टर

अनूपपुर। जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा कायाकल्प के प्रावधानों पर ६० लाख की लागत से व्यवस्थित स्वास्थ्य सुविधाएं बनाए जा रहे हैं। लेकिन कायाकल्प की इस योजना में चिकित्सकों की कमी ने पूरे अरमानों पर पानी फेर दिया है। जिला प्रशासन द्वारा खर्च की जा रही मोटी रकम और बदल रही जिला अस्पताल की बिल्डिंग काया से बीमार मरीजों को उसका लाभ नहीं मिल सकेगा। जिला अस्पताल विशेषज्ञ चिकित्सकों के मामले में खुद ही वेंटीलेटर पर पड़ा है। यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ साथ सहायक चिकित्सकों की काफी कमी है। वास्तविकता यह है कि जिले की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था में विभिन्न ८ श्रेणियों में २५ विशेषज्ञों की कमी है। इनकी कमी के कारण यहां जिदंगी और मौत के बीच जूझ रहे गम्भीर मरीज के साथ साथ सामान्य मरीज भी उपचार के अभाव में शहडोल, जबलपुर और बिलासपुर जैसी बड़ी स्वास्थ्य संस्थाओं का चक्कर काटना पड़ रहा है। लेकिन इसके बावजूद जिला स्वास्थ्य प्रबंधक इन व्यवस्थाओं को दूर करने में असमर्थ है। इस सम्बंध में जिला अस्पताल प्रशासन ने भी पत्राचार कर जिला स्वास्थ्य प्रबंधक से चिकित्सकों की पूर्ति की मांग की। लेकिन उनकी मांग को भी महीनों बीत गए। विभागीय जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में स्वीकृत २८ विशेष चिकित्सकों के पदों में मात्र ३ चिकित्सक है। २५ विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहीं अता पता नहीं है। आर्थो के रूप में एक प्रभारी चिकित्सक की उपलब्धता कराई गई। इन तीन विशेषज्ञ में एक विशेषज्ञ चिकित्सक जैतहरी बीएमओ का कार्यभार सम्भाल रहे हैं। शेष दो विशेषज्ञ के भरोसे जिला अस्पताल संचालित हो रहा है। जबकि सहायक चिकित्सकों (वर्ग -०२) में भी २० स्वीकृत पदों में मात्र १४ चिकित्सक उपलब्ध, शेष ६ पद रिक्त वर्षो से पड़े हैं। हालात तो दिसम्बर माह में यह बने कि सिर्फ ५ डॉक्टरों के भरोसे पूरा जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं संचालित कराई जा रही है। जिनसे ओपीडी, इमरजेंसी और रात्रिकालीन सेवाएं ली जा रही है। विभाग के अनुसार इमरजेंसी के लिए ५ चिकित्सक, पेड्रियाटिक के लिए ४, तथा गायनो विभाग में ५ चिकित्सक है। विभाग का मानना है कि पूरे जिले के सीएचसी और पीएचसी स्वास्थ्य केन्द्र से समस्त बीमारियों एवं मेडिको लीगल केस के प्रकरण जिला अस्पताल आते हैं। इसके अलावा जिला मुख्यालय में ही रोजाना ३५०-४०० ओपीडी, आईपीडी सहित पुलिस एमएलसी केसेज आते हैं। बावजूद जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी बनी है।
बॉक्स: इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी का दंश झेल रहा अस्पताल
जिला अस्पताल सिविल सर्जन के अनुसार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने स्वास्थ्य संस्थाओं में लगातार वृद्धि किए जाने के बाद भी शासन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति नहीं कराई जा रही है। वर्तमान में जिला अस्पताल में नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ/ पीजीएमओ की कमी, सर्जिकल विशेषज्ञ/ पीजीएमओ, मेडिकल विशेषज्ञ, पैथोलोजिस्ट/ पीजीएमओ, रेडियोलॉजिस्ट/ पीजीएमओ, प्रसूति एवं महिला रोग विशेषज्ञ, क्षय रोग विशेषज्ञ/ पीजीएमओ, नेत्र रोग विशेष की कमी है। यानि जीवन रक्षक उपचार से सम्बंधित कोई विशेषज्ञ नहीं उपलब्ध हैं।
बॉक्स: २९६ स्टाफो में १६९ पद रिक्त, मात्र १२७ कार्यरत
श्रेणी स्वीकृत कार्यरत रिक्त
प्रथम २८ ३ २५
द्वितीय २६ १४ १२
तृतीय १९१ ९९ ९२
चतुर्थ ५१ ११ ४०
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कुल २९६ १२७ १६९
बॉक्स: सालभर से बंद सोनोग्राफी सेंटर
स्वास्थ्य जांच में डॉक्टरों के लिए महत्वपूर्ण मानी जानी वाली सोनोग्राफी सेवा जिला अस्पताल में पिछले एक साल से बंद है। यहां आने वाली प्रसव पीडि़ता, सहित सामान्य पेट सम्बंधित जांच के लिए आने वाले मरीजों को जांच की सुविधा नहीं मिल पाती। इसके लिए नि:शुल्कता की जगह उन्हें मोटी रकम अदा कर जांच कराने को विवश होना पड़ता है।
बॉक्स:
इस सम्बंध में कई बार पत्राचार कर सीएमएचओ और प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। चिकित्सकों की अधिक कमी है। मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. एससी राय, सिविल सर्जन जिला अस्पताल अनूपपुर।
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