अनूपपुर। जिले में इस वर्ष १९ हजार मीट्रिक टन अधिक धान का उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए आगामी २९ नवम्बर से धान उपार्जन और भंडारण की तिथि घोषित कर दी है। जिसमें जिले के १७३२० किसानों के माध्यम से ३० उपार्जन केन्द्रों पर धान की खरीदी और भंडारण किया जाएगा। इस वर्ष जिले में किए जा रहे धान उपार्जन में किसानों की संख्या के साथ साथ उपार्जन केन्द्रों की संख्या और मात्रा में भी बढोत्तरी की गई है, जहां प्रशासन द्वारा वर्ष २०२०-२१ के लिए २९ उपार्जन केन्द्रों पर १६८८३ पंजीकृत किसानों में १३४९८ किसानों से ७ लाख १० हजार क्विंटल धान का उपार्जन किया गया था। वहीं वर्ष २०२१-२२ के लिए प्रशासन ने ३० उपार्जन केन्द्रों पर १७३२० किसानों से ९ लाख क्विंटल धान उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन प्रशासन द्वारा आगामी २९ नवम्बर से १५ जनवरी तक किए जाने वाले खरीदी में अब प्रशासन के लिए धान का भंडारण ने चिंता में डाल दिया है। यहां धान का उपार्जन तो किया जाएगा, लेकिन धान का भंडारण कहां किया जाएगा इसके लिए जिला खाद्य आपूर्ति विभाग, जिला नागरिक आपूर्ति विभाग सहित वेयरहाउस और प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्थाओं को बनाने में जुटे हैं। इसके लिए प्रशासन द्वारा गोदामों को खाली कराने के साथ अन्य स्थानों पर ओपन कैप व वेयरहाउस की व्यवस्था में जुटी है। लेकिन आश्चर्य की बात कलेक्टर द्वारा धान उठाव और मिलिंग के दिए गए अल्टीमेटम के बाद भी मिलरों ने धान की मिलिंग में जान-बूझ कर धीमी रफ्तार अपनाई इससे इंकार नहीं किया जा सकता। माना जाता है कि पिछले वर्ष धान मिलिंग को सरकार ने नई नीति घोषित की थी, जिसमें ६० फीसदी चावल का भंडारण एफसीआई के गोदामों में उनके नॉम्र्स के आधार पर किया जाएगा, शेष ४० फीसदी चावल का भंडारण प्रदेश सरकार के गोदामों में किया जाएगा। इसमें एफसीआई के गोदामों में २४ फीसदी टूटी चावल के साथ चावल को अप्रूव किया गया है, लेकिन पूर्व में यहां चावल के भंडारण में विभागीय सांठगांठ में ३२-३५ फीसदी टूटी के साथ भंडारण होता आया है। वहीं बिजली की आंख मिचौली में धीमी गति से किए गए मिलिंग से जिले के उपार्जन केन्द्रों में अब भी ६० फीसदी से अधिक धान का भंडारण पड़ा है। विदित हो कि जिले में वर्ष २०२०-२१ में ७१०२२१.७१ क्विंटल धान का उपार्जन किया गया था।बॉक्स: शासकीय और निजी गोदामों की ८१२९० एमटी क्षमता में मात्र १८३११ एमटी खालीजानकारी के अनुसार जिले के अनूपपर, कोतमा और पुष्पराजगढ़ के २३ छोटी-बड़ी गोदामों में बनाई गई ८१२९० एमटी क्षमता के अनाज भंडारण में धान उठाव की सुस्ती में मात्र १८३११ एमटी क्षमता खाली स्थान ही गोदामों में बन पाई है। यानि जिले के २३ गोदामों में मात्र १ लाख ८३ हजार ११० क्विंटल धान ही रखा जा सकता है। ऐसे में यह स्थाना एकाध उपार्जन केन्द्रों पर हुई खरीदी में ही भर जाएगी। जिला मुख्यालय अनूपपुर के बरबसपुर ओपन कैप जहां १० हजार एमटी धान रखने की क्षमता है, जो प्रत्येक वर्ष उपार्जन के तीन-चार माह उपरांत खाली हो जाया करता था, आज ८ हजार एमटी धान की बोरियों से भरा पड़ा है। यहां मात्र २ हजार एमटी क्षमता के स्थान खाली हैं।बॉक्स: कम मिलिंग करने वाले मिलरों की विभाग ने मांगी सूचीपूर्व में कलेक्टर द्वारा ३० अक्टूबर तक की डेडलाइन घोषित करते हुए मिलिंग कम होने पर विभागीय अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई के साथ मिलरों पर पेनाल्टी लगाने के साथ ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए थे। जिसमें ३० अक्टूबर की डेडलाइन समाप्त होने पर अब नागरिक आपूर्ति विभाग ने कम मिलिंग करने वाले मिलरों की सूची मांगी है। सम्भावना है कि विभाग अब इन पर आगे कार्रवाई करेगी।वर्सन:मिलिंग की नई नीति और मिलरों के विरोध में १५ जुलाई से धान का उठाव और मिलिंग आरंभ हुआ है। बिजली की आपूर्ति के अभाव में जिस प्रकार से मिलिंग होने चाहिए थी, उस तेजी में नहंी हो सका है। कम मिलिंग करने वाले मिलरों की सूची मंगवाया है। विजय डहेरिया, एसडीएम जैतहरी व नागरिक प्रबंधक प्रशासनिक अधिकारी अनूपपुर। [typography_font:18pt;” >——————————————————