scriptशहर के 60 फीसदी सीसीटीवी कैमरे खराब, निगरानी फेल | 60 percent of the city's CCTV cameras fail, surveillance fails | Patrika News

शहर के 60 फीसदी सीसीटीवी कैमरे खराब, निगरानी फेल

locationअनूपपुरPublished: Oct 13, 2019 09:09:26 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

आधी नगर तीसरी आंख से वंचित, 67 सीसीटीवी कैमरों में मात्र दो दर्जन चालू

60 percent of the city's CCTV cameras fail, surveillance fails

शहर के 60 फीसदी सीसीटीवी कैमरे खराब, निगरानी फेल

अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर की सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए लगाई गई सीसीटीवी कैमरों में ६० फीसदी कैमरे खराब हैं। इनमें अनूपपुर की आधी नगरी में सुरक्षा के लिए तीसरी आंख जैसे कोई सुविधा नहीं है। कुछ स्थानों को छोड़ दिया जाए तो रेलवे लाइन के इंदिरा तिराहा क्षेत्र में अमरकंटक तिराहा से लेकर तुलसी महाविद्यालय के बीच कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। जिसके कारण इस क्षेत्र में अपराध से जुड़ी घटनाओं की विवेचना में अब पुलिस अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सीसीटीवी कैमरों के अभाव में नगर की सुरक्षा मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही है। पुलिस बल की कमी से जूझ रहा कोतवाली थाना अब सीसीटीवी कैमरों की खराबी में परेशानियों का सामना कर रहा है, जहां अपराधियों की शिनाख्ती के लिए पुलिस के पास कोई वीडियो फुटेज नहीं है। हालंाकि पीएचक्यू से जितनी भी सीसीटीवी कैमरे उपलब्ध हुए हैं, इनमें तकनीकि खामियां शुरूआत से ही सामने आने लगी थी। इनमें वीडियो फुटेज की धुंधली तस्वीर पुलिस के लिए चुनौती के रूप में सामने आई थी। कैमरे में कैद घटना की वीडियो फुटेज अस्पष्ट नजर आता है। विदित हो कि वर्ष २०१७-१८ में जिला मुख्यालय के विभिन्न चौक-चौराहों व अन्य स्थानों पर लगभग ६७ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। जिसमेें वर्तमान में लगभग २५ से २७ कैमरे चालू हालत में। शेष ४० कैमरे बंद हैं। यह सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ नगर के बाजार हिस्से में बनी है। जबकि रेलवे फाटक के दूसरे हिस्से अमरकंटक-जैतहरी मार्ग पर निर्माणाधीन सडक़ के कारण कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जा सके हैं। पुलिस इस इलाके के आपराधिक गतिविधियों से अंजान बनी हुई है। सूूत्रों का कहना है कि सभी सीसीटीवी कैमरे हाई डेनसिटी क्षमता वाले हैं। यह रात के समय बेहतर रिनिंग मोड में वर्क करती है। इससे तत्काल रनिंग मोड में बेहतर क्वालिटी की तस्वीरें बनाती है। लेकिन जैसे ही डाउनलोड कर किसी अपराध की जांच विवेचना की जाती है तो डाउनलोड की तस्वीरों में अस्पष्टता हावी हो जाता है। अगर उन वीडियो फुटेज को जूम करने का भी प्रयास किया जाता है तो तस्वीरें फटकर और अस्पष्ट हो जाती है।
बॉक्स: कैसे होगी अपराधियों की पहचान
जिला मुख्यालय अनूपपुर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे के साथ स्थापित कंट्रोल रूप में दिनरात नगर की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर निगरानी की जाती है। लेकिन २९ सीसीटीवी खराबी के साथ अमरकंटक तिराहा से तुलसी महाविद्यालय के बीच कोई भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने के कारण यहां अपराधियों की पहचान नहीं हो पा रही है। जबकि अमरकंटक तिराहा सहित तुलसी महाविद्यालय मुख्य मार्ग अनूपपुर का सबसे अधिक धनी आबादी व व्यापारिक प्रतिष्ठानो वाला रहवासी इलाका है। जिसमें जिला अस्पताल, जिला सत्र न्यायालय, तहसील कार्यालय सहित एक्सीलेेंस स्कूल व केन्द्रीय विद्यालय परिसर है। यही कारण है कि ८ जुलाई को शांतिनगर में हुई दोहरी हत्याकांड में सभी आठ आरोपी निर्मम हत्या कर मौके से फरार हो गए। जबकि १९ जुलाई की सुबह ३ बजे पुलिस कॉलोनी में आधा दर्जन नकाबपोश बदमाशों ने आरक्षक के घर को निशाना बनाते हुए अन्य आरक्षक की पिटाई कर पैर तोड़ डाले। जिसकी शिनाख्ती आजतक नहीं हो पाई।
वर्सन:
सडक़ खराब होने के कारण ऐसे स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे बंद हैं। जैसे ही सडक़ का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा कैमरे लगवा दिए जाएंगे।
किरणलता केरकेट्टा, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर।
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