अनूपपुर। साहब! हम सभी आदिवासी परिवार जैतहरी विकासखंड के धनपुरी गांव में बनने वाले धनपुरी जलाशय के डूब क्षेत्र झोर-झोरा टोला और हौका टोला निवासी है। विभाग की ओर से हमारी जमीनों का अधिग्रहण कर लिया गया है, लेकिन विभाग द्वारा अब तक मुआवजा नहीं बांटा गया है। बांध निर्माण से हमारे घर डूब क्षेत्र में पड़ गए हैं। अब हम बेघर हो गए हैं। साहब ने भूमि अधिग्रहण के बाद दो माह में मुआवजा वितरण किए जाने की बात कही थी, लेकिन अब कोई मुआवजा नहीं मिला है। पूर्व में दिसम्बर माह में साहब द्वारा मुआवजा देने का आश्वासन दिया, लेकिन अब चार माह बीत गए हैं। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि भूमि अधिग्रहण के बाद बांध का निर्माण कार्य जारी है, लेकिन इस दौरान विभागीय अधिकारियों ने कभी हमारी बातें और समस्याओं को नहीं सुना है। पंचायत ठेकेदार के पास ठेकेदार अधिकारी के पास जाने को कहते हैं, हमारी कोई बातें सुनी नहीं जा रही है अगर यही स्थिति रही तो हम सभी ग्रामीण बांध निर्माण का कार्य बंद कर सडक़ जाम कर देंगे। प्रशासन हमारी सुविधा के लिए मुआवजा और घर बसाने के लिए शासकीय भूमि उपलब्ध कराया जाए। वहीं कुछ ग्रामीणों ने मुआवजा की जगह शासकीय भूमि ही उपलब्ध की मांग रखी। इस दौरान जिपं सीईओ ने ग्रामीणों से परेशानियों की पूछताछ करते हुए तत्काल ही जलसंसाधन विभाग अधिकारी के साथ तहसीलदार को मौके स्थल का निरीक्षण कर भू-प्रभावित परिवारों की समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए। विदित हो कि धनपुरी जलाशय जैतहरी विकासखंड की वृहत महत्कांक्षी जल परियोजना है, जो ४४५ हेक्टेयर की सिंचाई व्यवस्था में १३५९.०४ लाख की लागत से २ नवम्बर २०१७ से निर्माणाधीन है। इसे ३० जून २०२२ को पूर्ण होना निर्धारित किया गया है, लेकिन अब तक निर्माणाधीन पड़ी है। विदित हो कि साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान लगभग ५० परिवार अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे, जहां जिपं सीईओ हर्षल पंचोली ने किसानों को जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया, और तहसीलदार और कार्यपालन यंत्री डब्ल्यूआरडी को निर्देशित किया। साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान २९ आवेदक आए, इनमें ८ ऑनलाइन रजिस्टर्ड किए गए, जबकि २१ को ऑफ लाइन दर्जकर विभागीय अधिकारियों से निराकरण के निर्देश दिए हैं। बॉक्स: बच्चों की परवरिश के लिए पति के वेतन से दिलाए पैसा, शराब में पति कर रहा बर्बादपुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत कार्यालय एडीओ के पद पर कार्यरत आरके सिदार की पत्नी सविता सिदार ने जनसुनवाई में अपने पति द्वारा वेतन के पैसे को शराब पीने में खर्च करने और बच्चों की परवरिश में नहीं देने की शिकायत करते हुए पति के वेतन से पैसा दिलाने की मांग रखी। महिला सविता सिदार ने बताया कि उसके तीन बच्चे हैं, जिसमें १६ वर्षीय पुत्री, १३ वर्षीय पुत्र और ६ वर्षीय दूसरा पुत्र है। पति आदतन शराबी है, जो वेतन के अधिकांश पैसे को शराब पीने में खर्च कर देते हैं, जिससे बच्चों की परवरिश करने में मुझे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसकी शिकायत पूर्व में जनपद कार्यालय राजेन्द्रग्राम और जिला पंचायत कार्यालय में कर चुकी है। इसी बीच वे दो वर्ष तक निलंबित रहे थे, अभी दो माह पूर्व ४ लाख ८५ हजार रूपए मिले हैं, उसमें पति कुछ भी पैसा नहीं दे रहा है। रोज पैसे की बर्बादी किए जा रहे हैं। पिछले साल घर बनवाई हूं, जिसका कुछ कर्ज भी चुकाना बाकी है। जिस पर जिपं सीईओ ने जनपद सीईओ को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। [typography_font:18pt;” >—————————————————