अनूपपुर। नेशनल हाइवे ४३ के निर्माण के दौरान किसानों से किए गए भूअर्जन की प्रक्रिया और शासन द्वारा दिए गए मुआवजे में प्रशासनिक स्तर पर की गई गड़बड़ी में मुआवजे से वंचित २९ भू-प्रभावितों द्वारा लगातार की जा रही शिकायत में अपर कलेक्टर एवं अपर जिला दंडाधिकारी सरोधन सिंह कोतमा तहसील कार्यालय पहुंचे। जहां कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तहसील अंतर्गत राजस्व न्यायालयीन कार्य में संलग्न प्रवाचकों, ऑपरेटरों को प्रकरण के निराकरण की प्रक्रिया की आवश्यक बातों के संबंध में समझाईश दी गई तथा अभिलेख संधारण व पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करते समय ध्यान देने योग्य बातों के संबंध में जानकारी दी गई। वहीं अपर जिला दंडाधिकारी ने कोतमा प्रवास के दौरान नेशनल हाईवे 43 के लंबित राजस्व प्रकरणों के संबंध में मौका निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली गई। इस मौके पर अधीक्षक भू-अभिलेख शिवशंकर मिश्रा, तहसीलदार मनीष शुक्ला सहित राजस्व निरीक्षक, पटवारी व काश्तकार मौके पर उपस्थित रहे। विदित हो कि कोतमा तहसील अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के निर्माण में किसानों की भूमि अधिग्रहित किए जाने के 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हो पाया है। कोतमा एवं इससे लगे हुए ग्राम बुढानपुर के 32 किसानों को अब तक मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाया है। एसडीएम कार्यालय से मुआवजा भुगतान की मूल प्रति गुम होने के कारण मुआवजे के पुन:निर्धारण के सत्यापन के लिए कलेक्टर कार्यालय से कमिश्नर कार्यालय को दस्तावेज भेजे गए हैं। वहीं दूसरी ओर सडक़ बन कर तैयार हो चुकी है और प्रतिदिन इस सडक़ से लाखों रुपए के राजस्व की प्राप्ति शासन को हो रही है। लेकिन दूसरे और बुढानपुर तथा कोतमा के किसान शासकीय कार्यालयों के चक्कर काट रहे है। इस पूरे मामले में मुआवजा राशि की मूल फाइल एसडीएम कार्यालय कोतमा से गुम हो जाने के कारण भुगतान नहीं हो पाया है। इस मामले में एसडीएम रीडर को निलंबित किए जाने के साथ ही मामला दर्ज कराया गया था। साथ ही तत्कालीन एसडीएम को नोटिस जारी किया गया था। [typography_font:18pt;” >—————————————————–