राजस्व विभाग ने ये कार्रवाई अमरकंटक नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 2 बराती में की है। नायब तहसीलदार आदित्य द्विवेदी ने बताया कि, पवित्र नगरी अमरकंटक को अतिक्रमण से मुक्त रखने और नए निर्माण कार्य पर रोक लगाने के लिए सीएम ने सख्त हिदायत दी है। जिसमें कलेक्टर सोनिया मीना ने अमरकंटक क्षेत्र में शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण को चिह्नित करने के लिए एसडीएम पुष्पराजगढ़ अभिषेक चौधरी को निर्देशित किया था।
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शासकीय भूमि से हटाया गया कब्जा
एसडीएम और राजस्व अमले ने अमरकंटक के वार्ड क्रमांक 2 बराती में शासकीय नजूल भूमि पर अवैध रूप से 4 नए बनाए गए दुकानों को पाया। ये निर्माण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक ने किया था, जिसे किराए पर दिया जाता। पूर्व में इन्हें निर्माण नहीं करने के बेदखली की नोटिस भी जारी किया गया था। साथ ही, कब्जा हटाने के लिए भी समय दिया गया था, लेकिन नोटिस मिलने के बाद भी शिक्षक ने पक्के दुकानों को नहीं हटाया था।
60 लाख रुपए कीमत की भूमि कराई अतिक्रमण मुक्त
इसपर शनिवार 6 मई की दोपहर नगर परिषद अमरकंटक के सीएमओ चैन सिंह परस्ते, पटवारी प्रेमलाल पटेल, थाना प्रभारी मनोज दीक्षित के साथ पुलिस अमला और नगर परिषद अमला और राजस्व अमले ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए चारों दुकाने हटाकर शासकीय भूमि को मुक्त कराया। दुकान सहित शासकीय भूमि की कीमत लगभग 60 लाख रुपए आंकी गई है।
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2 मई को शहडोल कमिश्नर ने किया था अमरकंटक का भ्रमण
सीएम के निर्देश के बाद 2 मई को शहडोल कमिश्नर और एडीजीपी ने अमरकंटक का भ्रमण किया गया था, जिसमें नए निर्माण पर पाबंदी लगाने के साथ शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पर चर्चा करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बताया जाता है कि, सीएम की कार्ययोजना में अमरकंटक को सेटेलाइट सिटी बनाना है।