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पुलिस के बाद अब वन विभाग ने पूछताछ में शिकारियों को लिया न्यायिक हिरासत में

locationअनूपपुरPublished: Jan 27, 2022 08:53:11 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

आज पुन: न्यायालय में किया जाएगा पेश, एसटीएफ की टीम कर रही मदद, हो सकता है बड़ा खुलासा

After the police, now the forest department took the poachers into jud

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अनूपपुर। वनमंडल अनूपपुर के जमुड़ी बीट नाका के शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग स्थित कक्ष क्रमांक आरएफ ३८० के पास १८-१९ जनवरी की रात वनमंडलाधिकारी द्वारा राइफल व २५ जिंदा कारतूत सहित अन्य तेज धारदार हथियार के साथ शिकार की योजना बनाते गिरफ्तार किए गए तीन शिकारियों में अब पुलिस की दो दिनी न्यायिक हिरासत के बाद पूछताछ में वनविभाग ने शिकारियों को एक दिनी न्यायिक हिरासत में लिया है। वहीं तीनों शिकारियों से पूछताछ में भोपाल की एसटीएफ की टीम भी मदद कर रही है। जिसमें शिकारियों के कॉल डिटेल सहित शिकार के संबंध में विभिन्न बिन्दूओं पर पूछताछ कर रही है। २५ जनवरी को एसटीएफ की टीम ने जिला जेल पहुंचकर तीनों शिकारियों ३२ वर्षीय सोहराव फिरदौसी, ३३ वर्षीय वकील और ३५ वर्षीय आरिफ फिरदौसी सभी निवासी नवागढ़ अंबिकापुर से पूछताछ की है। माना जाता है कि एसटीएफ, वनविभाग और पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में शिकार सम्बंधित बड़ा खुलासा सामने आ सकता है। वनमंडलाधिकारी डॉ. अब्दुल अलीम अंसारी ने बताया कि पूर्व में कोतवाली पुलिस ने राइफल और कारतूस को लेकर पूछताछ में दो दिनी न्यायिक हिरासत में रिमांड लिया था, वहीं अन्य बिन्दूओं में पूछताछ के लिए २५ जनवरी को वनविभाग द्वारा एकदिनी न्यायिक हिरासत लिया गया है। २६ जनवरी को तीनों शिकारियों को पुन: न्यायालय पेश कर सौंप दिया जाएगा। डीएफओ ने बताया कि एसआईटी की टीम इस प्रकार के मामलों में विभागीय स्तर पर मदद करती है, मोबाइल कॉल डिटेल सहित अन्य जानकारी जुटाने में एसआईटी मदद कर रही है। जल्द ही कुछ और जानकारियां सामने आ सकती है। विदित हो कि १८-१९ जनवरी की रात वनमंडलाधिकारी अनूपपुर की नाईट गश्त की ड्यूटी लगी थी, जहां वे ११ बजे के आसपास अपने विभागीय जीप में चालक के साथ शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग स्थित कक्ष क्रमांक आरएफ ३८० जमुड़ी बीट नाका व किररघाट की ओर जा रहे थे। इसी दौरान वनमंडलाधिकारी ने जमड़ी नाका के पास एक लग्जरी जीप क्रमांक सीजी १३ यूसी ७३०४ को धीमी गति में मूवमेंट करते हुए पाया, सीजी नम्बर की वाहन देखकर उन्हें किसी शिकार की आशंका लगी, लेकिन मुख्य मार्ग होने के कारण अन्य कारण प्रतीत होता देखकर वे किररघाट की ओर बढ़ चले। वापसी के दौरान रात १२.०५ बजे लग्जरी जीप उसी स्थल के पास मूव करता नजर आया। जहां शिकार किए जाने की आशंका में तत्काल उसे रोकने का इशारा किया। लेकिन शिकारी चालक वाहन लेकर भाग निकला। जहां डीएफओ के वाहन के चालक ने हिम्मत दिखाते हुए तेज रफ्तार से वाहन को दौड़ा लगभग दो-तीन किलोमीटर दूर ओवरटेक कर वाहन रोकने में सफल हो गया। वाहन की तलाशी में एक आधुनिक राइफल, 25 जिंदा एवं एक खाली कारतूस, दो चाकू, एक गड़ासा एवं एक एयर बैग। जिसमें एयरबैग और एक चाकू में खून लगा पाया गया था।

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