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अलान नदी ने भरी उफान दर्जनों गांव पर मंडराया बाढ का खतरा, सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल तबाह

locationअनूपपुरPublished: Aug 05, 2019 03:49:15 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

पांच साल बाद दूसरी बार नदी का बढ़ा जलस्तर, नहीं पहुंचा आपदा प्रबंधन टीम

Alan river floods a dozen villages, floods threaten, paddy crop in hun

अलान नदी ने भरी उफान दर्जनों गांव पर मंडराया बाढ का खतरा, सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल तबाह

अनूपपुर। छत्तीसगढ़ के गैरेला से निकलकर मध्यप्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्र वेंकटनगर, जैतहरी होते अनूपपुर स्थित सोननदी में मिलने वाली अलाननदी लगातार हो रही बारिश में रविवार की सुबह अचानक उफान भर आसपास के निचले खेतों में भर आई। देखते ही देखते वेंकटनगर सहित सटे आसपास के गावों के सैकड़े एकड़ की खेती बाढ़ की पानी में डूब गई। खेतों को जलमग्न होता देखकर ग्रामीण हैरान हो गए, आनन फानन में जब सभी ग्रामीण नदीतट पास पहुंचे तो देखा नदी अपने दोनों तटों पर खतरें की सीमा रेखा से उपर बह रही है। वेंकटनगर-सिंहपुर नदी पुल पर फीट भर से अधिक मोटा पानी उफान भरते बह रहा है। नदी से सटे आसपास के निचले इलाकों में पानी में भरा हुआ था। ग्रामीणों के अनुसार इस जलप्रलय के कारण नदी से सटे लगभग दर्जनों गांव पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। इसमें सबसे अधिक वेंकटनगर, सिंहपुर, खैरीटोला, खोडऱी, कपरिया, सुलखारी गांवों के जलमग्न होने का खतरा बढ़ गया है। इससे पूर्व वर्ष २०१४ में अलाननदी अपनी निर्धारित खतरे की सीमा से उपर बहने लगी थी, जिसमें आसपास के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे, तथा हजारो एकड़ की फसल तबाह हो गई थी। जबकि पानी के भयावह में दर्जनों गांव का सम्पर्क एक-दूसरे से टूट गया था। इसके बाद पांच साल बाद पुन: अलाननदी के जलस्तर ने भयावह रूप धारण किया है। जिसके कारण ग्रामीण पूर्व में आई बाढ़ तथा उससे होने वाली तबाही की सम्भावनाओं में सहमे हुए हैं। माना जाता है कि रविवार को नदी में आई उफान से आसपास के तीन गांवों सिंह, वेंकटनगर और खौरीटोला, खोड्री की हजारों एकड़ की खरीफ की फसल पानी में डूब गई है। आशंका है कि अगर और बारिश हुई और नदी का जलस्तर बढ़ा तो नदी तट से सटे गांवों सहित खेतों की फसलें तबाह हो जाएगी। जिस प्रकार से नदी में लगातार पानी का स्तर बढ़ रहा है, इससे और अधिक नुकसान की सम्भावनाएं बन रही है। फिलहाल नदी तट से लगे इलाकों के ग्रामीणों ने बाढ़ की आशंकाओं में अपने घरों में सामग्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रखना आरम्भ कर दिया है। साथ ही नदी पर लगातार निगरानी रखते हुए सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। विदित हो कि गौरेला-अनूपपुर के बीच लगभग ७५-८० किलोमीटर लम्बाई में अलान-तिपान नदी बहती है। जिसके तट से वेंकटनगर, जैतहरी के दर्जनभर गांव आते हैं। इस नदी का उपयोग ग्रामीण खेत की सिंचाई के रूप में करते हैं। गर्मी के दिनों में इसमें कम पानी होता है, लेकिन बारिश के दिनों में आसपास का पानी भरने से यह भयावह रूप में नजर आने लगती है। जबकि वेंकटनगर और जैतहरी जैसे क्षेत्र में दो फसली फसल उपाजाई जाती है इसमें रबी और खरीफ की अच्छी पैदावार होती है। फिलहाल अलान नदी की उफान में खरीफ की फसलें प्रभावित होती नजर आ रही है।
बॉक्स: पुल पर खतरों के बीच बनी है आवाजाही
एक ओर जहां अलाननदी खतरों के निशान से उपर बह रही है और ग्रामीण परेशान हैं। वहीं नदी में आई बाढ़ से अपदा प्रबंधन की टीम सहित जिला प्रशासन बेसुध है। रविवार की सुबह से शाम तक नदी के उपर वेंकटनगर-सिंहपुर पुल जो आसपास के दर्जनों गांव को जोड़ता है उसपर ग्रामीण जान की बाजी लगाकर नदी पार रहे हैं। जबकि पुल पर फीट भर मोटी पानी तेज रफ्तार के साथ बहाव कर रही है। जानकारों का कहना है कि इसमें थोड़ी से चूक हादसो का कारण बन सकती है।

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