कलचुरी काल के प्राचीन मंदिर एवं खूबसूरत पत्थरों की नक्काशी से सुशोभित मंदिर कलचुरी राजा कर्मा देव ने बनवाए थे। नागर शैली के इन मंदिरों में शिव मंदिर, पातालेश्वर मंदिर और कर्ण मंदिर प्रमुख हैं। इसका संरक्षण पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करता है।
माता नर्मदा मंदिर यहां का प्रमुख मंदिर है, जहां मंदिर के सामने के कुंड में नर्मदा जी उत्पन्न होती हैं।
परिसर में बहुत मंदिर हैं पर यहां बने हाथी के बीच से निकलना ना भूलिए। लोग इसे शुभ मानते हैं।
कबीर चबूतरा और कबीर तालाब भी यहां के रमणीय पर्यटक स्थल हैं।
सोनमुडा स्थान सोन नदी के उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है। कपिल धारा और दुग्ध धारा यहां के मनमोहक झरने हैं। कपिल धारा में 24 मीटर की ऊंचाई से पानी गिरता है। वहीं दुग्ध धारा में पानी दूध के समान दिखाई पड़ता है, इसीलिए इसे दुग्ध धारा कहते हैं।
ट्रैवल मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर और रायपुर है। निकटतम रेलवे स्टेशन पेंड्रा रोड है, जो यहां से 44 किमी दूर है। यहां से स्थानीय बसें आसानी से मिल जाती हैं।
व्यवस्था: ठहरने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन का हॉलिडे होम है। इसके अलावा बहुत सी धर्मशाला और लॉज हैं।
कई विशेषताओं को अपने में समेटे हुए है अमरकंटक
अमरकंटक देश की दो प्रमुख नदियों नर्मदा और सोन के उद्गम स्थल के लिए लोकप्रिय है। नर्मदा यहां से पश्चिम की एवं सोन पूर्व दिशा की ओर बहती है।
अमरकंटक छोटा किंतु सुंदर एवं शांतिप्रिय धार्मिक स्थल है। यह मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में आता है।
छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा यह स्थल तीर्थराज के नाम से प्रसिद्ध है। इस स्थान पर ही सतपुड़ा, विंध्य और मैकल की पहाड़ियों का मेल होता है।