अनूपपुर

अमरकंटक को स्मार्ट सिटी में बसाने करोड़ो की योजना अधूरी,अब 50 करोड़ की योजना से जान फूंकने की तैयारी

18 करोड़ की सीवर लाइन योजना फेल, दो साल बाद भी मात्र 3 करोड़ के कार्य

अनूपपुरJan 21, 2021 / 09:59 am

Rajan Kumar Gupta

अमरकंटक को स्मार्ट सिटी में बसाने करोड़ो की योजना अधूरी,अब 50 करोड़ की योजना से जान फूंकने की तैयारी

अनूपपुर। धार्मिक स्थलों में शामिल अनूपपुर की अमरकंटक नगरी को स्मार्ट सिटी के रूप में बसाते हुए पर्यटकों को इस ओर आकृर्षित करने की योजना तीन साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। वर्ष २०१७ में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा १५.२० करोड़ की लागत से इस परियोजना को आरम्भ किया गया था। इसके अलावा नर्मदा में मिलने वाले नगर के गंदा पानी को सीवर लाइन के माध्यम से फिल्टर प्लांट तक पहुंचाए जाने के लिए भी १८ करोड़ की सीवर परियोजना को भी आरम्भ किया गया था। ताकि गंदा पानी को शुद्ध कर उसे उपयोगी बनाया जा सके। इसके लिए स्मार्ट सिटी परियोजना को ३१ दिसम्बर २०१९ तक पूर्ण किया जाना था, लेकिन बजट और प्रशासनिक उदासीनता में यह परियोजना अपने आधे निर्माण को ही पूरा कर सका है। स्मार्ट सिटी परियोजना में प्रस्तावित १२-१३ कार्य शामिल किए गए थे। लेकिन इनमें अबतक ६-७ कार्य ही पूर्ण हो सके हैं। इनमें भी एकाध कार्य आधे-अधूरे हैं। जिसका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान २१ जनवरी को लोकार्पण करेंगे। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित अन्य गणमान्य द्वारा ४९.९८ करोड़ की लागत से अमरकंटक को प्रसाद योजनांतर्गत कायाकल्प करने विकास कार्यो का श्रीगणेश कराएंगे। तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। योजनांतर्गत आकल्पित विकास कार्यों में क्षेत्र के सौंदर्यिकरण, संरक्षणए संवर्धन एवं पर्यटन विकास के कार्यों को समाहित किया गया है। फिलहाल अमरकंटक की सीवर लाइन परियोजना और स्मार्ट सिटी के आधे अधूरे कार्य चिंता का विषय बना हुआ है।
कार्य -१ पीएम आवास का नहीं हो सका निर्माण
स्मार्ट सिटी के तहत ८४४ परिवारों के लिए पीएम आवास योजना के तहत मकान निर्माण कराए जाने की योजना अबतक आरम्भ नहीं हो सकी है। नगरपालिका द्वारा वर्ष २०१७ में १० एकड़ जमीन आवंटन कराया गया था, जिसमें २.४२ करोड़ की लगात से सडक़ और नाला का निर्माण कार्य शामिल था। लेकिन यहां न तो मकान बनाए जा सके और ना ही नाला और सडक़ का कार्य आरम्भ हो सका।
कार्य- २ १८ करोड़ की सीवर योजना हो गई फेल
स्मार्ट सिटी बनाने में सबसे बड़ी बाधा सीवर लाइन परियोजना सामने आई। जिसमें १८ करोड़ की प्रस्तावित योजना में परियोजना एजेंसी ने मात्र ३ करोड़ का पाइपलाइन बिछाने का कार्य कराया है। इसमें बिना ले-आउट और तकनीकि डिजाइन के सडक़ों के बीच और यत्र तत्र पाइप डाले गए हैं। वार्डो व मुख्य सडक़ों पर डाले गए पाइप के गड्ढों का भी पूरी तरह से भराव नहीं कराया गया है। दो साल से जारी यह कार्य अबतक अधूरी पड़ी है।
कार्य- १० सडक़ों के कार्य में अब भी कुछ अधूरे
स्मार्ट सिटी के तहत नगरीय वार्ड सहित नर्मदा मंदिर तक बनने वाली १५.०१ लाख की सडक़ निर्माण कार्य अब भी कुछ वार्ड में अधूरे हैं। सर्किट हाउस से रामबाई की ओर सडक़ अधूरा है। इनमें वार्ड क्रमांक १०,१३-१४,१०, ८, ५, ९ वार्ड की सडक़े अधूरी है। इनमें सीवर लाइन से खोदी गई सडक़ के कार्य पूरे नहीं कराए गए हैं।
कार्य- ४ १०२ दुकान में बिजली के कार्य अधूरे
स्मार्ट सिटी परियोजना में स्थानीय व्यापारियों के लिए बनाई जाने वाली १०२ दुकानें अब भी व्यापारियों को उपलब्ध नहीं हो सकी है। १ करोड़ ७५ लाख से बनाई गई दुकानों में बिजली कनेक्शन नहीं हुआ है। जिसमें अब कनेक्शन करने की तैयारी की जा रही है।
कार्य-५ योगा प्लेटफार्म का कार्य नहीं
रामघाट के पास ही १२ लाख की लागत से बनाया जाने वाला योगा प्लेटफार्म अबतक नहीं बनाया जा सका है। योगा प्लेटफार्म का उद्देश्य नर्मदा तट किनारे स्वच्छ हवा में योग करने वाले लोगों को बेहतर स्थल उपलब्ध कराना था, ताकि योग साधना के लिए पहचाने जाने वाली अमरकंटक योगियों को आकर्षित कर सकें।
वर्सन:
स्मार्ट सिटी परियोजना में १२ से अधिक कार्य सम्मिलित थे, इनमें ६-७ कार्य ही पूर्ण हो सके हैं। सम्भावना है कि इस वर्ष तक शेष कार्यो को पूरा लिया जाएगा। पीएम आवास योजना के तहत जमीन २०१७ में आवंटित करा दिया गया था। लेकिन निर्माण कार्य आरम्भ नहीं किया गया है।
पवन साहू, सीएमओ नगरपालिका अमरकंटक।
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